नई दिल्ली। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को लेकर जिस प्रकार से गंभीर आरोप लगे हैं और भाजपा हमलवार है, उसको लेकर राज्य सरकार की सांसें अटकीं हुई हैं। वैसे, राकांपा प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) की ओर से अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को अभयदान देने की खबर है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे स्वयं कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। उनकी ओर से शिवसेना (Shivsena) सांसद संजय राउत (Sanajy Raut)मोर्चा संभाले हुए हैं।
दूसरी ओर राज्यसभा में सोमवार को सत्तापक्ष के सदस्यों ने महाराष्ट्र के ताजा घटनाक्रम को लेकर हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही 12 बजकर करीब 10 मिनट पर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। सत्तापक्ष के कई सदस्यों ने शून्यकाल में भी इस मुद्दे को उठाने का प्रयास किया। लेकिन सभापति एम वेंकैया नायडू ने इसकी अनुमति नहीं दी। इसी दौरान सदन में प्रश्नकाल शुरू हो गया और भाजपा (BJP) सदस्यों ने एक बार फिर यह मुद्दा उठाने का प्रयास किया। लेकिन उपसभापति हरिवंश ने इसकी अनुमति नहीं दी और हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया। हंगामे के दौरान ही अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कुछ पूरक प्रश्नों का उत्तर दिया। लेकिन सदन में शोरगुल के कारण उनकी बात स्पष्ट रूप से सुनी नहीं जा सकी।
उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। लेकिन सदन में शोरगुल जारी रहने पर उन्होंने बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। गौरतलब है कि मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पिछले हफ्ते पत्र लिखकर दावा किया था कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को 100 करोड़ रूपये की मासिक वसूली करने को कहा है। इस पत्र के बाद राज्य में सियासी तूफान आ गया।
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले (Ramdas Athawale) कहते हैं कि ये सरकार महाराष्ट्र को जला रही है, उसकी अस्मिता को तोड़ रही है, महाराष्ट्र का मुंह काला कर रही है। वहां राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए मैं अमित भाई(अमित शाह) के दफ्तर में पत्र देने वाला हूं।
वहीं, शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा कि पूर्व कमिश्नर के पत्र में उन्होंने जिक्र किया है कि फरवरी महीने में उन्हें कुछ अधिकारियों से गृह मंत्री के फलां निर्देशों की जानकारी मिली थी, 6 से 16 फरवरी तक देशमुख कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती थे। जिस मंत्री के बारे में आरोप था, उनकी उस समय की स्थिति साफ हो गई है और ऐसी परिस्थिति में उनके इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता।
महाराष्ट्र में मौजूदा स्थिति को लेकर महाराष्ट्र भाजपा (BJP) प्रतिनिधिमंडल 24 मार्च को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करेगा।
शिवसेना नेता संजय राउत (Sanajy Raut) कहते हैं कि अगर राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख (शरद पवार) ने तय किया है कि अनिल देशमुख के ऊपर जो आरोप लगे हैं, उनमें तथ्य नहीं है और उनकी जांच होनी चाहिए तो इसमें गलत क्या है? आरोप सभी नेताओं के ऊपर लगते रहे हैं। सबका इस्तीफा लेकर बैठे तो सरकार चलाना मुश्किल हो जाएगा।