इम्फाल। मणिपुर में हिंसा का दौर थमता नहीं दिख रहा है और न छात्रों का प्रदर्शन समाप्त हो रहा है। उलटे छात्रों का प्रदर्शन हिंसक होता जा रहा है। राजभवन पर पथराव करने और केंद्रीय सुरक्षा बलों पर हमला करने के एक दिन बाद मंगलवार को एक बार फिर छात्रों के साथ सुरक्षा बलों की झड़प हुई। प्रदर्शनकारी छात्र राजभवन की ओर से मार्च कर रहे थे और इस दौरान उन्होंने सुरक्षा बलों पर पथराव किया और गुलेल से छर्रे मारे। इसके बाद सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे।
छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए इम्फाल पूर्व, इम्फाल पश्चिम और थौबल में कर्फ्यू लगाई गई है। इस बीच मुख्यमंत्री सचिवालय और राजभवन के सामने प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों छात्र फिर से इमा मार्केट में जमा हो गए हैं। पुलिस उनसे प्रदर्शन खत्म करने के लिए कह रही है लेकिन वे दोबारा अपनी मांगों को लेकर एक जगह पर एकत्रित हुए हैं। इसे देखते हुए सरकार ने पांच दिनों के लिए राज्य के पांच जिलों में इंटरनेट को बंद कर दिया है। इंटरनेट पर पाबंदी पहाड़ी जिलों में नहीं लगाई गई है। राज्य के बिगड़ते हालात के बीच मणिपुर यूनिवर्सिटी में होने वाले स्नात्तक और पीजी की सभी परीक्षाएं टाल दी गई हैं।
छात्रों के हिंसक प्रदर्शन और कुकी व मैती समुदाय के बीच चल रही हिंसा को देखते हुए केंद्र सरकार ने अतिरिक्त सुरक्षा बलों को मणिपुर भेजने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि मंगलवार को केंद्र सरकार ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ के दो हजार जवानों को मणिपुर भेजने का फैसला किया है। सीआरपीएफ जवानों की एक बटालियन तेलंगाना के वारंगल से और दूसरी झारखंड के लातेहार से मणिपुर भेजी जा रही है। एक बटालियन का मुख्यालय चुराचांदपुर जिले के कांगवई में होगा और दूसरी बटालियन इम्फाल के आसपास तैनात की जाएगी। इन्हें एंटी ड्रोन गन भी दी गई है, ताकि हमला करने वाले ड्रोन को गिराया जा सके।
गौरतलब है कि नौ सितंबर को छात्रों ने इम्फाल में राजभवन पर पत्थरबाजी की थी और सुरक्षा बलों पर हमला किया था। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और रबर की बुलेट्स दागी थीं। इसमें 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इसके बाद सोमवार, नौ सितंबर की रात मैती समुदाय की महिलाओं ने ड्रोन हमलों के विरोध में मशाल जुलूस निकाला था। उन्होंने राजभवन और मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन किया था।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग है कि राज्य के पुलिस महानिदेशक यानी डीजी को हटा दिया जाए। साथ ही राज्य के सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग भी की गई है। इसके अलावा उनकी मांग है कि सीआरपीएफ के पूर्व डीजी कुलदीप सिंह के नेतृत्व में बनी एकीकृत कमान राज्य सरकार को सौंप दी जाए। इसकी मांग मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी पिछले दिनों राज्यपाल से मुलाकात में की थी।