एक बार फिर सक्रिय हुआ किसान आंदोलन

केंद्र सरकार पर दबाव बनाना है। नए कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन को तेज करना है। इसके लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश से किसानों का जत्था गाजीपुर की ओर कूच कर गया है। दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन को दोबारा गति दी जाएगी।

नई दिल्ली। किसान नेताओं के आह्वान पर किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहेे हैं। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता और नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के आह्वान पर सहारनपुर से गाजीपुर बॉर्डर के लिए सैकड़ों किसान निकल पड़े हैं। उत्तर प्रदेश के मेरठ के टोल प्लाजा पर जमाया कब्जा, वहां करीब डेढ़ सौ से ज्यादा ट्रैक्टर जमा हुए हैं।

माना जा रहा है कि संसद के मानसून सत्र से पहले किसान संगठन केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं। साथ ही अगले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में इन किसान नेताओं की रणनीति है कि यदि सरकार पर अभी से दबाव बनाया जाए तो राजनीतिक लाभ के लिए सकारात्मक परिणमा आ सकते हैं।

इस संदर्भ में भारतीय किसान यूनियत के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का कहना है कि चार लाख ट्रैक्टर भी यही हैं,दिल्ली के ढब को खड़े खड़े घे करें वे, वो 25 लाख किसान भी यही हैं और 26 तारीख भी हर महीने आती है ये सरकार याद रख लें ..। मोदी जी अब तो सड़के घर लगने लगी है और दिनचर्या भी उसी तरह से बन गयी है ।किसान थकने वाले नहीं हैं ।आप किसानों के प्रति नफरत छोड़कर किसानों को उनका हक दो.

दरअसल, जिस प्रकार से बीते दिनों राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने पूरे देश में कई विपक्षी नेताओं से बात की। मुलाकात की, उससे आंदोलन को कई रूप में शक्ति मिली है। कुछ नेताओं ने तो यह भी आरोप लगाया कि राकेश टिकैत आंदोलन के नाम पर पैसा वसूल रहे हैं। अधिकतर लोगों का कहना है कि अब दोबारा केंद्र सरकार पर दबाव बनाना जरूरी है। इसलिए उत्तर प्रदेश के किसान गाजीपुर बाॅर्डर पर अपनी गतिविविध तेज करना चाहते हैं।