नई दिल्ली। चर्चा लगभग डेढ़ दो साल से थी कि हिसार से इस बार पूर्व आईएएस अधिकारी रहे व हरियाणा के दिग्गज नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे व हिसार से भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह का टिकट कटना तय है । इसकी भनक लग गयी थी और वे लगातार सक्रिय होकर गांव गांव लोगों के बीच जा रहे थे और भाजपा के हर कार्यक्रम का हिस्सा बनते आये । यहां तक कि हिसार के नये पंजाबी भवन में भाजपा कार्यकर्ताओं को शानदार प्रीतिभोज पर भी आमंत्रित किया । इसके बावजूद हिसार सीट पर कुलदीप बिश्नोई, कैप्टन अभिमन्यु और रणबीर गंगवा के नाम चलने पर बृजेंद्र सिंह जैसे अनुभवी अधिकारी और राजनीतिक परिवार से आने के चलते यह समझते देर नहीं लगी कि अब भाजपा में दाल गलने वाली नहीं । सोच समझ कर कांग्रेस का द्वार खटखटाया जो पिता के कांग्रेस में बिताये लम्बे समय व रसूख के चलते तुरंत खुल गया । फिर तो चट मंगनी, पट ब्याह जैसे हो गया। इधर इस्तीफे की सोशल मीडिया पर खबर और उधर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे के आवास पर कांग्रेस का हाथ थाम लिया । अजय माकन का कहना है कि चौधरी बीरेंद्र सिंह एक बड़ी रैली में कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा कर सकते हैं । बेशक इस्तीफे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा का आभार वयक्त किया कि राजनीति में आने का मौका दिया लेकिन महिला खिलाड़ियों, अग्निवीर योजना व किसान आंदोलन के चलते असहज महसूस करने की बात भी कही कि इनके चलते भाजपा छोड़ रहा हूँ पर लगता है कि इससे ज्यादा भाजपा का कहीं जजपा के साथ गठबंधन न बरकरार रहे, यह चिंता ज्यादा थी क्योंकि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने इनकी परंपरागत उचाना विधानसभा सीट ही ले ली जिससे वे फिर चुनाव की तैयारी कर रहे हैं । इस तरह उचाना ही भाजपा से दूरी का बड़ा कारण है और यह भी कि यदि गठबंधन रहा तो हिसार लोकसभा क्षेत्र कहीं जजपा को ही न दे दिया जाये ! अब दो अक्तूबर को जींद रैली में चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा भी कि यदि जजपा से गठबंधन तोड़कर अकेले दम पर दस सीट लड़ते हो तो साथ रहेंगे, नहीं तो पार्टी छोड़ देंगे । आखिर पार्टी ही छोड़नी पड़ी और हरियाणा की राजनीति में भी बदलाव की हवा बहने लगी।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बिना नाम लिए चुटकी ली है
दर दर पे जा के दुआ बदलते हैं
लोग खुद नहीं बदलते, खुदा बदलते हैं!
जवाब इसका भी दिया चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कि
हमने चाहे कुछ भी बदला हो
वो गिरकर बदलते हैं ।
हम जानते हैं कि कांग्रेस कमज़ोर है और इसके बावजूद हम वहाँ साहस से जा रहे हैं !
अभी तो लोकसभा चुनाव से पहले यह छींटाकशी शुरू हुई है, कहां तक जायेगी, कह नहीं सकते। यह हरियाणवी स्टाइल की छींटाकशी है, यहां कभी नाक कटा लूंगा या राजनीति छोड़ दूंगा जैसी बातें आम सुनने को मिलती थीं। अब थोड़ा बदलाव और शेर ओ शायरी आ गयी है ।
बृजेन्द्र सिंह : टिकट कटने से पहले निकल लिए
खैर, इतना तो तय है कि अब कांग्रेस बृजेंद्र सिंह को लोकसभा चुनाव में उतारेगी तो सही पर कहां से? हिसार या सोनीपत? ये पत्ते खुलने अभी बाकी हैं !