राफेल सौदे पर एक बार फिर राजनीति गरमाई

संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है। ऐसे में उससे कुछ दिन पहले जिस प्रकार से कांग्रेस ने राफेल सौदे को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री पर हमला बोला है, उससे तय है कि संसद सत्र में इस पर गरमा-गरम बहस होगी।

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के लिए राफेल को बेहद उपयोगी बताया गया और भारत सरकार ने फ्रांस से इसे खरीदा। कई राफेल भारतीय वायुसेना में शामिल कर ली गई और कुछ आना बाकी है। शनिवार को एक रिपोर्ट के आधार पर विपक्षी दल कांग्रेस ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि राफेल सौदे में भ्रष्टाचार हुआ और इसका जवाब प्रधानमंत्री को देश के सामने देना चाहिए।

असल में, राफेल के सौदे में शुरूआत से ही विवाद रहा है। कांग्रेस के शासनकाल में इसको लेकर पहली बार डील हुई थी। उसके बाद भाजपा शासनकाल में इसकी कीमत बढ़ने की बात हुई और अब भ्रष्टाचार की बात हो रही है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला की ओर से कहा गया है कि जो ताज़ा खुलासे अब फ्रांस में हुए हैं, उन्होंने एक बार फिर शक की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी; प्रथम दृष्टि से राफेल एयर क्राफ्ट सौदे में भष्टाचार साबित है, सामने है; जो कांग्रेस और राहुल गाँधी कहते रहे हैं वो आज साबित हो गया है। 14 जून 2021 को फ्रांस के पब्लिक प्रोसीक्यूशन सर्विस ने राफेल कागजात में भ्रष्टाचार, घोर पूंजीवाद, नाजायज तौर से प्रभाव डालने और नाजायज तौर से लोगों को कैंडिडेट बनाने को लेकर एक भष्टाचार की जाँच शुरू कर दी है।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला की ओर से कहा गया है कि भ्रष्टाचार की उस जाँच में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति, जिनके समय में राफेल की एयर क्राफ्ट डील मोदी जी ने साइन की थी; श्री फ्रांस्वा हौलेंड, उनकी भूमिका की भी जाँच होगी; फ्रांस के मौजूदा राष्ट्रपति की भी जाँच होगी। मोदी सरकार और स्वीटहार्ट डील भी अब सामने आ गयी है; फ्रेंच वेबसाइट मीडिया पार्ट ने अब एक समझौता, जो दसाल्ट एविएशन और रिलायंस के बीच में हुआ था, उसके तथ्य कागजात सहित सामने रख दिए हैं। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा हौलेंड ने बकायदा एक इंटरव्यू में कहा था कि दसाल्ट के पार्टनर ‘रिलायंस’ को बनाने के निर्णय में उनकी कोई चॉइस नहीं थी, क्योंकि यह भारत सरकार के प्रभाव में किया गया निर्णय था।

इसका पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि रांस में राफेल सौदे को लेकर जांच होने वाली है। यह स्वाभाविक है। किसी NGO ने फ्रांस की कोर्ट में शिकायत की थी, इस जांच को भ्रष्टाचार की नज़र से देखना ठीक नहीं है। लेकिन इसपर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी जिस तरह से राजनीति कर रहे हैं वह दुखद है।