Pollution in Delhi NCR : राजधानी दिल्ली में अभी भी है दमघोंटू माहौल, प्रदूषण के लोगों का हाल है बुरा

देश की राजधानी का हवा खराब है। मानकों के अनुसार, भारत में, 401-500 और उससे अधिक के एक्यूआई को ’गंभीर’ श्रेणी में रखा गया है। गंभीर श्रेणी में आते ही फेफड़े से जुड़ी समस्या के शिकार या हृदय रोग वाले मरीजों पर सबसे ज्यादा खतरा मंडराता है। राजधानी में यही हो रहा है।

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दिवाली से पहले जो वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरे की सीमा के पार गई, वह अभी भी लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है। आंखों में जलन, सिर दर्द, सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याओं अधिक लोगों को हो रही है। लोग डॉक्टरों के पास जाने को मजबूर हैं।
वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली की ओर से सोमवार की सुबह जानकारी दी गई है कि देश की राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार तीसरे दिन गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 432 है। कई लोग गले में खराश और आंखों से पानी आने की शिकायत कर रहे हैं।

बता दें कि एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे ‘अच्छी’ श्रेणी में माना जाता है। 51-100 को ‘संतोषजनक’, 101-200 को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘अत्यंत खराब’, 400-500 को ‘गंभीर’ और 500 से ऊपर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को ‘बेहद गंभीर’ माना जाता है।

नोएडा में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 575 है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, गाजियाबाद का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 456 है। मौजूदा समय में गाज़ियाबाद का AQI गंभीर श्रेणी में बरकरार है। गाजियाबाद के लोनी इलाके के प्रदूषण स्तर की बात करें, तो यहां का AQI जिले में सबसे अधिक दर्ज किया गया है। लोनी का AQI 467 है। इसके अलावा बल्लभगढ़ में 441, फरीदाबाद में 372 और गुरुग्राम में 439 एयर क्वॉलिटी इंडेक्स दर्ज किया गया है।