नई दिल्ली। रेलवे एनटीपीसी परीक्षा में धांधली के आरोप को लेकर कई राज्यों के छा. बवाल काट रहे हैं। बिहार के कई जिलों में छात्रों ने कई रेल बोगियों को आग के हवाले कर दियो है। कई रेल खंडों पर विरोध प्रदर्शन के कारण रेल गाड़ियां प्रभावित हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने छात्रों से शांति की अपील की। उससे पहले ऐसे छात्रों को सरकारी संपतियों को नुकसान पहुंचाने को लेकर सख्त चेतावनी भी दिया गया। बावजूद इसके प्रतियोगी छात्रों का बवाल जारी है ।
रेलवे की एनटीपीसी परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए बिफरे छात्रों ने बिहार के अलग-अलग जिलों में जमकर हंगामा किया। दिल्ली-हावड़ा मेन लाइन पर बक्सर और बिहार शरीफ में छात्रों के हुजूम ने रेलवे ट्रैक जाम कर हंगामा किया तो मुजफ्फरपुर में गोंदिया एक्सप्रेस को रोक दिया।दिल्ली-हावड़ा मेन लाइन पर सफर कर रहे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। ट्रैक पर जगह-जगह ट्रेनें खड़ी हो गईं। बिहार और रेलवे पुलिस ने छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रही।
रेल मंत्रालय ने इस घटनाक्रम को लेकर कहा है कि रेलवे नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को रेलवे ट्रैक पर विरोध करने, ट्रेन संचालन में व्यवधान और रेलवे संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने जैसी गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर रेलवे की नौकरी प्राप्त करने से आजीवन रोक का सामना करना पड़ सकता है।
EXCLUSIVE:आजतक से बोले रेलवे मंत्री @AshwiniVaishnaw, "जांच कमेटी को 3 हफ्ते का समय दिया है." #RRBNTPC #Students #SpecialReport #ATVideo | @anjanaomkashyap pic.twitter.com/nPRR7h2rIP
— AajTak (@aajtak) January 26, 2022
दूसरी ओर, रेलवे ने अपनी भर्ती परीक्षाओं की चयन प्रक्रिया को लेकर परीक्षार्थियों के हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणी (एनटीपीसी) और लेवल-1 की परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला किया है। रेलवे के एक प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि रेलवे ने एक उच्च स्तरीय समिति भी बनाई है, जो विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित परीक्षाओं में सफल और असफल होने वाले परीक्षार्थियों की शिकायतों की जांच करेगी। प्रवक्ता के मुताबिक, दोनों पक्षों की शिकायतें और चिंताएं सुनने के बाद समिति रेल मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपेगी। रेलवे ने कहा, ‘परीक्षार्थियों ने आरआरबी द्वारा 14-15 जनवरी 2022 को जारी एनटीपीसी की केंद्रीकृत रोजगार अधिसूचना (सीईएन 01/2019) के प्रथम चरण के कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) के नतीजों के संबंध में जो चिंताएं और शंकाएं जाहिर की हैं, उन पर गौर करने के लिए एक उच्च अधिकार समिति का गठन किया गया है।’