एक साल के एक्सटेंशन के साथ राकेश अस्थाना ने संभाली दिल्ली पुलिस की कमान

संयुक्त बिहार में चारा घोटाले से संबंधित मामले की जांच में भी राकेश अस्थाना की अहम भूमिका रही थी। बुधवार की सुबह राकेश अस्थाना ने दिल्ली पुलिस आयुक्त की कमान संभाली और सीधे शब्दों में कहा कि अपराध पर लगाम लगाना पहली प्राथमिता है।

नई दिल्ली। गुजरात कैडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी अस्थाना को सेवानिवृत्त होने से तीन दिन पहले दिल्ली पुलिस का कमिश्नर बनाया गया है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक राकेश अस्थाना को नरेंद्र मोदी सरकार ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया है।

मंगलवार देर रात जैसे ही राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त बनने की सूचना आई, कई लोग सकते में आ गए। सवाल उठा कि यूटी कैडर के कई वरिष्ठ अधिकारियों को साइड करके रिटायरमेंट से केवल तीन दिन पहले इन्हें दिल्ली पुलिस आयुक्त क्यों बनाया गया ? बुधवार की सुबह राकेश अस्थाना ने दिल्ली पुलिस आयुक्त की कमान संभाली और सीधे शब्दों में कहा कि अपराध पर लगाम लगाना पहली प्राथमिता है।

इसके बाद जानकारी सार्वजनिक होती गई कि गुजरात कैडर के 1984 बैच के पुलिस अधिकारी राकेश अस्थाना को एक साल का सेवा विस्तार दिया गया है। इसके पीछे इनका गुजरात कैडर होना सबसे प्रमुख है। इनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बेहतर रिश्ते बताए जाते हैं। इसलिए इन्हें यह अहम पद मिला है।

हालांकि, पुलिस बिरादरी में कानाफूसी हो रही है कि आखिर अजय शर्मा वाली कहानी क्यों दोहराई गई ? बता दें कि 1999 में अजय राज शर्मा और 2021 में राकेश अस्थाना के पुलिस आयुक्त बनने की कहानी कुछ हद तक मिलती जुलती है। तत्कालीन एनडीए सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी के पास अजय राज शर्मा को उत्तर प्रदेश से दिल्ली लाने का मकसद था। आज भी एनडीए की सरकार है और गृह मंत्री अमित शाह के पास भी अस्थाना को दिल्ली का सीपी बनाने के पीछे कुछ मकसद होगा।

बता दें कि सीबीआई एसपी रहते हुए चारा घोटाले की जांच उनके नेतृत्व में की गई थी। सीबीआई में रहते हुए तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा के साथ हुए विवाद के बाद राकेश अस्थाना चर्चा में आए थे, जिसके बाद उनका तबादला सीबीआई से कर दिया गया था। राकेश अस्थाना डीजी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अतिरिक्त प्रभार में भी हैं।