नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि मीडिया में संगठन को सरकार के रिमोट कंट्रोल के रूप में पेश किया जाता है, जो बिलकुल सच नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि भारत एक विश्व शक्ति नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से महामारी के बाद के युग में यह विश्व गुरु बनने की क्षमता रखता है।
धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश) में मोहन भागवत ने यहां पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, “मीडिया हमें सरकार के रिमोट कंट्रोल के रूप में संदर्भित करता है, लेकिन यह असत्य है। हालांकि, हमारे कुछ कार्यकर्ता निश्चित रूप से सरकार का हिस्सा हैं। सरकार हमारे स्वयंसेवकों को किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं देती है। लोग हमसे पूछते हैं कि हमें सरकार से क्या मिलता है। उनके लिए मेरा जवाब यह है कि हमारे पास जो कुछ भी है उसे हमें खोना भी पड़ सकता है।’’
आरएसएस प्रमुख ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) दिवंगत बिपिन रावत और 13 अन्य लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा जिनका हाल ही में तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था। उन्होंने एकता का आह्वान करते हुए कहा कि भारत की अविभाजित भूमि सदियों से विदेशी आक्रमणकारियों के साथ कई लड़ाई हार गई क्योंकि स्थानीय आबादी एकजुट नहीं थी। उन्होंने समाज सुधारक डा.बी आर आंबेडकर का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हम कभी किसी की ताकत से नहीं, बल्कि अपनी कमजोरियों से पराजित होते हैं।’’ सूत्रों ने कहा कि भागवत हिमाचल प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे पर हैं और वह तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से मुलाकात कर सकते हैं।