नहीं रहीं कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा हृदयेश

उत्तराखंड की राजनीति में कांग्रेस की पर्याय रही डाॅ इंदिरा हृदयेश की हार्टअटैक से दिल्ली में मृत्यु हो गई। कांगे्रस और भाजपा नेताओ ंने शोक संवेदना प्रकट करते हुए उनके कार्यों को याद किया है। उनके शव को उत्तराखंड ले जाने की तैयारी हो रही है, वहीं उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

नई दिल्ली। उत्तराखंड की राजनीति में अपने दम पर मुकाम हासिल करने वाली राज्य की मंत्री डाॅ डॉ इंदिरा हृदयेश का रविवार को निधन हो गया। पहले उत्तर प्रदेश और उसके बाद उत्तराखंड बनने पर कांग्रेस संगठन को मजबूत करने में इनकी अहम भूमिका रही। अपने मंत्रित्वकाल में इन्होंने उत्तराखंड के विकास के लिए कई काम किए।

बता दें कि दिल्ली के उत्तराखंड सदन में डॉ. हृदयेश का निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ। दिल्ली में होने वाली कांग्रेस की बैठक में भाग लेने के लिए वह शनिवार को राजधानी पहुंची थीं। शनिवार को डॉ. हृदयेश ने कांग्रेस के देशव्यापी प्रदर्शन के तहत हल्द्वानी में महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। आज उत्तराखंड सदन के कमरा नंबर 303 में उनकी मृत्यु हो गई। कुछ समय पहले ही उनकी हार्ट संबंधी सर्जरी भी हुई थी। उनके बेटे सुमित भी दिल्ली पहुंच रहे हैं। उनके शव को उत्तराखंड ले जाने की तैयारी हो रही है।

इनके निधन पर कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं ने दुख प्रकट किया और इनके कार्यों को याद करते हुए इनसे सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में प्रेरणा लेने की बात कही। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांद राहुल गांधी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर अपने उदगार प्रकट किए।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनके निधन पर दुख प्रकट किया है।

दिल्ली कांग्रेस की नेता अल्का लांबा ने अपने ट्वीट में डॉ. इंदिरा हृदयेश की असामयिक मृत्यु को दुखद बताया है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने डॉ. हृदयेश के अचानक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि इस मुश्किल घड़ी में मैं उनके परिजनों के साथ हूं।
हरिद्वार से सांसद मदन कौशिक ने भी अपनी शोक संवेदना प्रकट करते हुए उनके राजनीतिक जीवन को याद किया है।