स्मार्ट मीटर साइबर सुरक्षा सम्मेलन 2023 का हुआ आयोजन, विशेषज्ञों ने पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करनी की कही बात

नई दिल्ली। देश में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है। कई राज्यों में बेहतर परिणाम दिख रहे हैं। इसके साथ ही कई प्रकार की साइबर चुनौतियों की बात सामने आ रही है। बिजली के स्मार्ट मीटर के परिप्रेक्ष्य में आने वाली सभी प्रकार की साइबर सुरक्षा को लेकर स्मार्ट मीटर साइबर सुरक्षा सम्मेलन 2023 का आयोजन किया गया। सम्मेलन के तीसरे संस्करण का आयोजन इंटेलीस्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम (आईएसजीएफ) ने संयुक्त रूप से किया। इसमें डिस्कॉम की पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित साइबर सुरक्षा की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया।
स्मार्ट मीटर साइबर सुरक्षा सम्मेलन 2023 में विशेषज्ञों ने व्यापक विचार-विमर्श किया और बताया कि साइबर सुरक्षा उल्लंघनों से प्रभावी ढंग से किस प्रकार निपटा जाए। वक्ताओं ने बिजली वितरण कंपनियों को प्रमाणित साइबर सुरक्षा प्रोफेशनल उपलब्ध कराने, मजबूत क्लाउड सुरक्षा सुनिश्चित करने, स्मार्ट मीटरिंग आपूर्ति श्रृंखला में कमजोरियों को दूर करने और किसी भी संभावित समस्या को रोकने के लिए सक्रिय उपाय करने के महत्व पर जोर दिया। सम्मेलन में विभागीय अधिकारियों, नियामकों, डिस्कॉम, शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों जैसे हितधारकों की मौजूदगी रही। उद्घाटन सत्र में भारतीय केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री घनश्याम प्रसाद, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम के कार्यकारी निदेशक श्री राहुल द्विवेदी, ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया के सीएमडी श्री एसआर नरसिम्हन, इंटेलीस्मार्ट के एमडी और सीईओ श्री अनिल रावल और श्री रेजी कुमार पिल्लई ने भाग लिया।
इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम के अध्यक्ष और ग्लोबल स्मार्ट एनर्जी फेडरेशन के चेयरमैन रेजी कुमार पिल्लई ने कहा कि भारत को पांच लाख साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की जरूरत है। कारण ग्रिड को स्थिर रखने में चुनौतियां हैं। हमारे पास 2021 साइबर सुरक्षा दिशा-निर्देश हैं और हम साइबर सुरक्षा नीतियां बनाने पर काम कर रहे हैं। वहीं, इंटेलीस्मार्ट के एमडी और सीईओ श्री अनिल रावल ने साइबर सुरक्षा में सक्रिय उपाय अपनाने के महत्व पर जोर दिया। साथ ही कहा कि यह जरूरी है कि हम इस पर विचार करें और ठोस कदम उठाए जाएं। हमें कार्रवाई करने से पहले साइबर सुरक्षा घटना घटित होने का इंतजार नहीं करना चाहिए। यह सम्मेलन इस महत्वपूर्ण विषय पर गहराई से विचार करने और साइबर खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए डिस्कॉम को सशक्त बनाने पर विचारों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करने के प्रयासों में से एक है।
सम्मेलन के पहले सत्र का शीर्षक था ’साइबर खतरों से निपटने के लिए डिस्कॉम को गहन तकनीकी जानकारी प्रदान करना’। पैनल में सत्र के अध्यक्ष श्री एमएकेपी सिंह, सदस्य, सीईए और बिजली मंत्रालय के सीआईएसओ डॉ. मुक्तेश चंदर, पूर्व विशेष पुलिस आयुक्त, दिल्ली, के. मुरलीकृष्ण, ईडी इंजीनियरिंग और सीआईएसओ, ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया लिमिटेड, दीन दयाल तोशनीवाल शामिल थे। डीडीजी, दूरसंचार विभाग, अतुल बाली, निदेशक (एनपीएमयू), नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन, पार्श्वनाथन उदयनन, क्षेत्रीय प्रमुख, साइबर सुरक्षा, गूगल क्लाउड और शैलेन्द्र कुमार सिंह, प्रधान क्लाउड विशेषज्ञ (सुरक्षा), ओरेकल। अंतिम सत्र ’नवाचार – साइबर खतरों का मुकाबला करने के लिए नई प्रौद्योगिकियों को तैनात करना; और आरडीएसएस के मानक बोली दस्तावेज़ (एसबीडी) में निर्धारित साइबर सुरक्षा उपायों के अनुपालन को सुनिश्चित करने की अध्यक्षता फारुक काज़ी, डीन – अनुसंधान, विकास और परामर्श, वीजेटीआई ने की, और वक्ताओं में रिचर्ड शोमबर्ग, स्मार्ट एनर्जी के लिए आईईसी राजदूत, गौतम शामिल थे।