किसान महापंचायत के बाद केंद्रीय मंत्रियों के ऐसे आए बयान

केन्द्र सरकार आंदोलन कर रहे किसानों के साथ कई दौर की बातचीत कर चुकी है,लेकिन सभी बेनतीजा रही हैं। रविवार को किसान महापंचायत ने एक तरह से चेतावनी दी है। केंद्रीय मंत्री अब सरकार की ओर से जनता को समझा रहे हैं।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में किसान महापंचायत के दौरान किसान नेताओं ने आंदोलन तेज करने का मन बना लिया है। भारत बंद की तारीख घोषित कर दी है। इसके बीच किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेताओं के बयान आने शुरू हो गए हैं।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार ने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ किसान संगठनों की बैठक एक बार नहीं 11 चरणों में करवाई। मोदी सरकार ने किसानों को ज़्यादा दाम दिए, ज़्यादा खरीद भी की और खाद की कीमतों को भी बढ़ने नहीं दिया। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार के समय पहले से ज़्यादा मंडियां बनाने और उन्हें ई-नाम की सुविधा से जोड़ने का काम हुआ। कुछ लोग दुष्प्रचार करने में लगे हैं कि मंडियां बंद होंगी।

वहीं, भाजपा सांसद वरूण गांधी ने कहा कि किसी समझौते पर पहुंचने के लिए सरकार को तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के साथ फिर से बातचीत करनी चाहिए। गांधी ने लोगों के हुजूम का एक वीडियो ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा,‘‘ आज मुजफ्फरनगर में विरोध प्रदर्शन के लिये लाखों किसान इकट्ठा हुए हैं। वे हमारे अपने ही हैं। हमें उनके साथ सम्मानजनक तरीके से फिर से बातचीत करनी चाहिए और उनकी पीड़ा समझनी चाहिए, उनके विचार जानने चाहिए और किसी समझौते तक पहुंचने के लिए उनके साथ मिल कर काम करना चाहिए।’’


बता दें कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में रविवार सुबह विभिन्न राज्यों के किसान मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में होने वाली किसान महापंचायत के लिए बड़ी संख्या में एकत्र हुए हैं। जैसे जैसे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है, उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन को नई धार देने की कोशिश की जा रही है।