मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में स्टार्टअप नवाचार को बढ़ावा देने टैली ने लॉन्च किया ‘टैली स्टार्टअप चैलेंज

 

नई दिल्ली। टेक्नोलॉजी कंपनी टैली सॉल्‍यूशन्‍स, जो बिज़नेस ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराती है, ने भारत स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज के अंतर्गत ‘टैली स्‍टार्टअप चैलेंज’ की शुरुआत की है। यह पहल उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सहयोग से शुरू की गई है। इस चुनौती का औपचारिक शुभारंभ वाणिज्य भवन, नई दिल्ली में डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव श्री संजीव और टैली सॉल्‍यूशन्‍स के वरिष्ठ प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया गया।

 

इस पहल के तहत डीपीआईआईटी-पंजीकृत स्टार्टअप्स को आमंत्रित किया गया है कि वे देश के एमएसएमई मैन्युफैक्चरर्स द्वारा झेली जा रही प्रमुख समस्याओं — विशेष रूप से कैपेसिटी प्लानिंग और उत्पादकता में सुधार — के लिए नवाचारी समाधान विकसित करें। लॉन्च के बाद टैली सॉल्यूशंस ने प्रतिभागी स्टार्टअप्स के लिए “प्रभावी मार्केटिंग रणनीतियां” विषय पर एक मास्टरक्लास का भी आयोजन किया, जिसका उद्देश्य उन्हें बेहतर गो-टू-मार्केट रणनीतियां तैयार करने में मार्गदर्शन देना था।

 

‘स्मार्टर प्लानिंग, बेटर प्रोडक्टिविटी’ थीम पर आधारित यह चैलेंज भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को सक्षम बनाना चाहता है, ताकि ऐसे समाधान तैयार किए जा सकें जो सुलभ हों, स्केलेबल हों, और एमएसएमई सेक्टर में आसानी से अपनाए जा सकें। यह पहल विशेष रूप से उन स्मार्ट टूल्स की आवश्यकता को उजागर करती है जो कैपेसिटी यूटिलाइजेशन, प्रेडिक्टिव मेंटेनेंस और डायनैमिक शेड्यूलिंग को बेहतर बना सकें — खासकर ऐसे मैन्युफैक्चरिंग परिदृश्य में जहां संसाधनों की अनिश्चितता और प्रतिस्पर्धा लगातार बनी हुई है।

 

यह चैलेंज टैली की नवाचार को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता और डीपीआईआईटी के साथ इसके दीर्घकालिक सहयोग को भी दर्शाता है — जिसका उद्देश्य स्टार्टअप्स के माध्यम से जमीनी स्तर पर बड़ा और वास्तविक प्रभाव लाना है।

 

इस लॉन्च के मौके पर टैली सॉल्यूशंस प्रा. लि. के चीफ ऑफ इंजीनियरिंग एंड प्रोडक्ट श्री नबेंदु दास ने कहा, “टैली में हमारा उद्देश्य है एमएसएमई क्षेत्र को ऐसी टेक्नोलॉजी-आधारित प्रोडक्ट्स के ज़रिए सशक्त बनाना जो सरल हों, असरदार हों और व्यवहार में आसानी से लाए जा सकें। डीपीआईआईटी के साथ हमारी साझेदारी इस साझा सोच को और मजबूती देती है कि टेक्नोलॉजी के माध्यम से जमीनी स्तर पर ठोस बदलाव संभव है। ‘टैली स्टार्टअप चैलेंज’ स्टार्टअप्स के लिए एक अवसर है कि वे भारत-केंद्रित, समझदार समाधान विकसित करें, जो मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी पुरानी और जटिल समस्याओं को दूर कर सकें। हमारा फोकस है—कैपेसिटी प्लानिंग और उत्पादन दक्षता में वास्तविक परिवर्तन लाना। हम स्टार्टअप्स को प्रेरित करते हैं कि वे नवाचार करें, उन्नत तकनीकों का उपयोग करें और ऐसा समाधान विकसित करें जो एमएसएमई की उत्पादन प्रक्रिया को सरल, तेज़ और प्रतिस्पर्धी बना दे। इस पहल के ज़रिए हम ऐसे आइडियाज को आगे बढ़ाना चाहते हैं जो देश की मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को नई ऊंचाई दें।”

 

डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव श्री संजीव ने कहा, “भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम लगातार ऐसे समाधान सामने ला रहा है जो हमारी वास्तविक ज़रूरतों के अनुरूप हैं। ‘टैली स्टार्टअप चैलेंज’ इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है — यह एक ऐसा मंच है जो उद्यमशील नवाचार को इस ओर केंद्रित करता है कि कैसे छोटे व्यवसायों में संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकता है। स्टार्टअप इंडिया जैसे प्लेटफॉर्म्स और टैली सॉल्यूशंस जैसे एनेबलर्स के सहयोग से हमारा उद्देश्य है कि भारत-केंद्रित, स्केलेबल समाधान तैयार हों जो स्टार्टअप्स की उत्पादकता और विकास को नई दिशा दें।”

 

यह चुनौती दो मुख्य चरणों में आयोजित की जाएगी — एप्लिकेशन और समाधान विकास। पहले चरण में स्टार्टअप्स को अपने प्रस्तावित समाधान का विवरण देते हुए एक कॉन्सेप्ट नोट जमा करना होगा। चयनित प्रतिभागियों को इसके बाद 30 दिनों का समय मिलेगा, जिसमें वे अपने समाधान का प्रोटोटाइप बनाकर प्रस्तुत करेंगे। आवेदन प्रक्रिया 4 अगस्त 2025 से शुरू हो चुकी है और 3 सितंबर 2025 तक खुली रहेगी।

 

विजेता स्टार्टअप को 3 लाख रुपए और फर्स्ट रनर-अप को 2 लाख रुपए का नकद पुरस्कार मिलेगा। इसके अलावा, विजेता टीम के समाधान को टैली टीम के साथ तीन महीने के सहयोगात्मक प्रोजेक्ट के रूप में और विकसित किया जाएगा और परीक्षण के बाद बड़े पैमाने पर बाजार में लाया जाएगा — जिससे स्टार्टअप को व्यावसायिक प्रभाव स्थापित करने का अवसर मिलेगा।

 

प्रतिभागी स्टार्टअप्स को विशेषज्ञ मार्गदर्शन, बेहतर दृश्यता और देशभर के एमएसएमई सेक्टर में अपने समाधान को पायलट करने के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे।