नई दिल्ली। भाजयुमो द्वारा एक संवाद वार्ता कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है जिसमें देश भर के युवा शीर्ष मंत्रियों/नेताओं के साथ सीधे बातचीत कर सकेंगे
और नीति निर्माण की बारीकियों को पहली बार समझ सकेंगे। आदरणीय नरेंद्र मोदी जी के 21वीं सदी के नए भारत की परिकल्पना को साकार करने और युवाओं को राष्ट्र निर्माण में परोक्ष रूप से शामिल करने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम किया जा रहा है। ऐसे संवाद कार्यक्रम में भविष्य के लिए नेताओं को तैयार करने की क्षमता है जो जमीनी स्तर से नीति निर्माण में प्रभावी रूप से अपना योगदान दे सकेंगे।
इन सत्रों में केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों,शिक्षा जगत के शीर्ष राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विद्वानों और विभिन्न थिंक टैंक के प्रतिनिधियों के बीच नीति निर्माण क्षेत्र पर बातचीत एवं चर्चा आयोजित किए जाएँगे।भाजयुमो देश के युवाओं को यह मंच प्रदान करके और उनकी सहायता करके उत्साहित है। इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से देश वास्तविकता में अपने जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठा सकता है।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी, देश भर से 30 युवाओं के साथ जुड़ी और उनसे विभिन्न नीति संबंधी मुद्दों पर बात की। उन्होंने जिन विषयों को संबोधित किया उनमें मोदीनॉमिक्स, वित्त के COVID दृष्टिकोण,वित्त मंत्रालय, रोजगार, स्टार्टअप, डिजिटल अर्थव्यवस्था, डिजिटल रुपया, भारत के आर्थिक विकास का भविष्य,देश के सामने आने वाली चुनौतियाँ, पसंदीदा पुस्तकें, वित्त से रक्षा का अनुभव और उनका व्यागतिगत जीवन अनुभव जैसे विषय शामिल थे।चर्चा के विषय भाजयुमो द्वारा पूरे देश से एकत्र किए गए थे। भाजयुमो ने सत्र से पहले युवाओं के लिए अपने सवाल प्रेषित करने एक फॉर्म जारी किया था जिनमे से चयनित प्रश्नों को सीधा केंद्रीय वित्त मंत्री जी से पूछा गया।
भाजयुमो राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री तेजस्वी सूर्या जी ने कहा-“भारत विश्व में सबसे अधिक युवा जनसंख्या वाला देश है इसीलिए देश के नीति निर्धारण करते समय युवा वर्ग की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को सम्मिलित करना अति आवश्यक है। संवाद, प्रजातंत्र में सामंजस्य स्थापित करने और समेकित विकास की परिकल्पना साकार करने के लिए एक सशक्त माध्यम है। इस पहल से युवा वर्ग को देश के नीति निर्धारण की प्रक्रिया में भागीदार बनने का अवसर मिलेगा, साथ ही वरिष्ठ नेताओं के ज्ञान,अनुभव और मार्गदर्शन से देश हित में लिए जा रहे एवं भविष्य में लिए जाने वाले निर्णयों को और बेहतर ढंग से समझने में सहायता करेगा।यह पहल एक संवादात्मक मंच है, न कि केवल सरकारी नीतियों की जानकरियाँ प्रसारित करने का एक मंच। इस संवाद मंच के पीछे देश की नीति निर्माण प्रक्रिया को अधिक लोकतांत्रिक और समावेशी बनाने के लिए एक अनौपचारिक चैनल तैयार करना है।”