लगातार कसता ही जा रहा है अनिल देशमुख पर शिकंजा

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर आरोप लगाए थे। मामला हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली के लक्ष्य का था। इसी मामले को लेकर ईडी ने जांच शुरू की और देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा था।

मुंबई। जिस प्रकार से एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को समन भेजा है, उससे चर्चा यही है कि फिलहाल उन्हें राहत नहीं मिलने वाली है। लगातार जांच एजेंसी उनपर और उनके परिवार के लोगों पर शिकंजा कसती जा रही है। जैसे ही अनिल देशमुख ने अपने पद से त्यागपत्र दिया था, उसके बाद से उनकी समस्याएं बढ़ती ही जा रही है।
शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की ओर से एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अनिल देशमुख को समन भेजकर 5 जुलाई को पूछताछ के लिए तलब किया है। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को इससे पहले भी ईडी ने समन भेजा है। और तो और, ईडी ने इस बार उनके पुत्र ऋषिकेश देशमुख को भी समन भेजा है और छह जुलाई को हाजिर होने के लिए कहा है।

बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को ईडी की ओर से यह तीसरा समन है। इससे पहले दो बार बुलाने पर वे पेश नहीं हुए थे। वैसे में इस बार भी यह देखने वाली बात होगी कि वे ईडी के सामने पेश होते हैं या नहीं ? क्या उनका बेटा भी ईडी का सामना करना है ? सियासी गलियारों में यह भी चर्चा है कि अनिल देशमुख के बहाने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार को भी शिकंजा में लिया जा सकता है।
ध्यान देने योग्य यह भी है कि ईडी ने हाल ही में मुंबई और नागपुर में अनिल देशमुख के सहयोगियों के परिसरों पर छापेमारी भी की थी। उनके निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे को गिरफ्तार भी किया है। दोनों छह जुलाई तक ईडी की हिरासत में हैं। ऐसे में ईडी द्वारा 5 जुलाई को महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को पेश होने के लिए समन भेजने के पीछे राजनीति भी लोग कह रहे हैं। कहा जा रहा है कि ईडी अनिल देशमुख के सहयोगियों से पूछताछ में कई राज उगलवा सकती है। यदि उनके सहयोगी ने सही में मुंह खोला तो अनिल देशमुख सहित एनसीपी के लिए मुसीबत हो सकती है।