WHO के प्रमुख ने भी माना, डेल्टा स्वरूप है बेहद खतरनाक

सबसे पहले भारत में पहली बार पाया गया डेल्टा स्वरूप अब करीब 100 देशों में पाया जा रहा है। डेल्टा जैसे स्वरूप अधिक संक्रामक है और कई देशों में यह फैल रहा है। इसी के साथ ही हम इस महामारी के बहुत खतरनाक दौर में हैं।

जेनेवा। पूरी दुनिया कोरेना से त्राहि त्राहि कर चुकी है। कई देशों में दूसरी लहार आने के बाद तीसरी लहर की आशंका है। इसके बीच कोरोना के वायरस का कई म्यूटेंट्स लोगों को परेशान कर रहा है। डॉक्टर्स और वैज्ञानिकों को इसपर लगाम लगाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
इसके बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने भी पूरी दुनिया को आगाह किया कि दुनिया कोविड-19 महामारी के बेहद खतरनाक दौर में है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में यह भी कहा है कि इसके डेल्टा जैसे स्वरूप अधिक संक्रामक हैं और समय के साथ लगातार बदल रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ की ओर से कहा गया है कि डेल्टा स्वरूप कम से कम 98 देशों में पाया गया है और उन देशों में तेजी से फैल रहा है जहां कम और ज्यादा टीकाकरण हुआ है। इसके लिए सलाह दी गई है कि जन स्वास्थ्य और सामाजिक उपाय जैसे कि कड़ी निगरानी, जांच, शुरुआती स्तर पर बीमारी का पता लगाना, पृथक वास और चिकित्सीय देखभाल अब भी महत्वपूर्ण हैं।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस की ओर से कहा गया है कि जिन देशों की कम आबादी को टीके लगे हैं वहां अस्पतालों में फिर से मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। गेब्रेयसस ने यह भी कहा कि कोई भी देश अभी तक खतरे से बाहर नहीं है। डेल्टा स्वरूप खतरनाक है और यह वक्त के साथ और बदल रहा है जिस पर लगातार नजर रखने की जरूरत है।
अब सवाल उठता है कि इसके लिए क्या किया जाए ? पूरी आबादी को कैसे सुरक्षित रखा जाए ? इसके जवाब में डब्ल्यूएचओ महानिदेशक की ओर से कहा गया है कि मास्क लगाना, सामाजिक दूरी, भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना और घरों को हवादार रखने की की पर्याप्त व्यवस्था अहम है। उन्होंने दुनियाभर के नेताओं से अनुरोध किया कि वे एक साथ मिलकर यह सुनिश्चित करें कि अगले साल तक हर देश की 70 प्रतिशत आबादी को कोविड-19 रोधी टीका लग जाए।