5 साल का अरहाम हुसैन भी मना रहा है रमजान

अरहाम हुसैन में संस्कारों के बीजों को रोपण किया है इनके पिता मुस्तफा हुसैन ने।

नई दिल्ली। बड़े हर्ष के साथ 12 मार्च को रमजान का पाक महीना शुरू हो गया है। रमजान का पाक महीना इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार नौवां महीना होता है। इसे माह-ए-रमजान भी कहा जाता है। यह महीना चांद को देखकर निर्धारित किया जाता है। धर्म के प्रति निष्ठा बचपन से आती है। इसकी बानगी है पटना के 5 साल के अरहाम हुसैन। यह बच्चा अभी कच्ची मिट्टी पर इसकी धर्म के प्रति आस्था देखते ही बनती है। इसमें संस्कारों के बीजों को रोपण किया है इनके पिता मुस्तफा हुसैन ने। जिस तरह से नन्हे अरहाम हुसैन ने रमजान मनाया वे देखते ही बनता है।

क्या है सहरी?
रमजान माह में रोजाना सूर्य उगने से पहले खाना खाया जाता है। इसे सहरी नाम से जाना जाता है। सहरी करने का समय पहले से ही निर्धारित कर दिया जाता है। इस्लाम धर्म को मानने वाले सभी लोगों को रोजा रखना अनिवार्य माना जाता है। हालांकि बच्चों और शारीरिक रूप से अस्वस्थ लोगों को रोजा रखने के लिए छूट दी गई है।

क्या है इफ्तार?
दिनभर बिना खाए-पिए रोजा रखने के बाद शाम को नमाज पढ़ी जाती है और खजूर खाकर रोजा खोला जाता है। यह शाम को सूरज ढलने पर मगरिब की अजान होने पर खोला जाता है। इसे इफ्तार के नाम से जाना जाता है। इसके बाद सुबह सहरी से पहले तक व्यक्ति कुछ भी खा पी सकता है।