नई दिल्ली। ‘आयेगा तो वो ही’ और वो आ गया तीसरी बार ! पर यह आना पहली दो बार की तरह नहीं है । पहले दो बार भाजपा अपने बलबूते आई और सहयोगी दलों को सत्ता में हिस्सा दिया, सम्मान दिया लेकिन तीसरी बार अपने दम पर नहीं आई बल्कि तेलुगु देशम और जद यू की बैसाखियों पर चल कर सिंहासन तक पहुंची है । बेशक नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के तीन बार लगातार प्रधानमंत्री बनने के कीर्तिमान की बराबरी कर ली, फिर भी इस कार्यकाल को कैसे पूरा कर पायेंगे, यह प्रश्न राजनीतिक गलियारों में चुनाव परिणाम आने के बाद से गूंज रहा है ।
कारण कि अब पहले जैसा खुला हाथ नहीं और फैसले लेते समय दोनों बैसाखियों की ओर ध्यान देना होगा, ताकना होगा उनका मुह ! क्या मनमाने फैसले कर पायेंगे ? एनसीपी के अजित पवार गुट से प्रफुल्ल पटेल ने राज्यमंत्री बनने से इंकार कर दिया क्योंकि वे पूर्व में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और अब वे राज्यमंत्री बन कर डिमोशन नहीं चाहते ! हिमाचल से लगातार पांचवीं बार जीतने वाले अनुराग ठाकुर भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं बना पाये ! ऐसी नाराजगी देखी नहीं सनम ! पंजाब से जरूर रवनीत सिंह बिट्टू को राज्यमंत्री बना कर संतुलन बनाने की कोशिश की गयी और पंजाब को महत्त्व दिया गया क्योंकि यहां भाजपा का कमल नहीं खिल पाया ।
आने वाले विधानसभा चुनावों पर नज़र रखते हुए बिट्टू को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया, यह स्पष्ट है ! जबकि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को नज़र अंदाज कर दिया गया ! कहां तो एक समय उपराष्ट्रपति पद के लिए चर्चा में रहे और कहां अब मंत्रिमंडल में भी जगह नहीं ! हरियाणा से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर प्रधानमंत्री के विश्वसनीय बने रहे और मंत्रिमंडल में शामिल कर सम्मान दिया गया !
इसके बावजूद अभी खबरें हैं कि शिवसेना (ठाकरे) के नवनिर्वाचित सांसदों को तोड़ने के लिए ‘ऑपरेशन लोट्स’ चलाया जा रहा है, जो संकेत है कि भाजपा अपने सांसद पूरे करने की फिराक में है, जिससे तेलुगु देशम और जनता दल यू पर निर्भर न रहना पड़े ! इतना गुस्सा लोगों ने दिखाया महाराष्ट्र सरकार गिराने पर लेकिन सांसद तोड़ने का षड्यंत्र जारी है ! ये तो सहयोगी दलों ने सोचना है कि क्या उनके साथ ‘यूज एंड थ्रो’ वाला खेला तो नहीं होने जा रहा ? मुरली मनोहर जोशी जैसे नेता और शाहरुख़ खान, अक्षय कुमार जैसे अभिनेता भी मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह में नज़र आये और अंबानी थडानी की जोड़ी भी दिखी ! सात देशों के प्रमुख भी शामिल रहे और इस तरह जश्न मनाया गया। चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर थप्पड़ कांड के बाद कंगना रानौत भी खिलीं खिलीं दिखीं ! अंत भला, सो भला !
ये रास्ते हैं राजनीति के
चलना संभल संभल के
ये रास्ते हैं गठबंधन के
कदम रखना फूंक फूंक के !