भोपाल में तीन लाख ध्वज हो रहे तैयार

प्रदेश में जन-जन को हर घर तिरंगा अभियान से जोड़ने के लिए शासन और प्रशासन हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। स्व सहायता समूह की महिलाएं जहां एक तरफ तिरंगा तैयार कर रही हैं तो वहीं घर-घर जाकर लोगों को जागरुक भी कर रही हैं। महिलाएं अधिक से अधिक लोगों को राष्ट्रप्रेम के इस अनूठे यज्ञ से जोड़ने के लिए लोगों को अपने घरों पर तिरंगा फहराने के लिए प्रेरित कर रही हैं।

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘हर-घर तिरंगा’ अभियान में प्रदेशवासियों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। अभियान में प्रदेश के डेढ़ करोड़ से ज्यादा घरों पर तिरंगा झंडा लहराया जाने के लक्ष्य के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को व्यापक तैयारियाँ शुरू करने के निर्देश दिए हैं। 11 से 17 अगस्त सप्ताह भर मध्यप्रदेश में हर घर तिरंगा, घर-घर तिरंगा विशेष अभियान चलाया जाना है। आजादी के अमृत काल में इस बार स्वतंत्रता दिवस को खास बनाने के लिए सरकार ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान की शुरुआत की है। राजधानी भोपाल में घर-घर तिरंगा फहराने के लिए बड़ी संख्या में झंडे तैयार करने के लिए स्व-सहायता समूह की महिलाएं झंडे बनाने के काम में लगी हैं। जिले के लिए सवा तीन लाख ध्वज बनाए जाएंगे। मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत संचालित स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा जिले में 1 लाख तिरंगा झंडे का निर्माण किया जा रहा है। तिरंगे झंडे का निर्माण जिले के समस्त विकासखंडों, मुख्यालय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित सिलाई सेंटर पर किया जा रहा हैं।
किसी भी देश का राष्ट्र ध्वज उसके स्वतंत्र होने का संकेत है। तिरंगे ने अपने रंगों से दुनिया में अपनी अद्वितीय छवि बनाई है। यूं तो राष्ट्रीय ध्वज को अपनाने का प्रस्ताव 1931 में पारित हुआ लेकिन आखिरकार 22 जुलाई 1947 को तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाने की मान्यता मिल गई। हमारे देश के राष्ट्रीय ध्वज के मध्य के चक्र में 24 तीलियाँ हैं। राष्ट्रीय ध्वज में समान अनुपात वाली तीन आड़ी पटिटयाँ केसरिया, सफेद व हरे रंग की हैं। भारत के वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज का डिज़ाइन पिंगली वेंकय्या ने तैयार किया था। संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज के प्रारूप को 22 जुलाई, 1947 को अपनाया था। राष्ट्रीय ध्वज के लिए हथकरघा खादी (सूती या रेशमी) कपड़ा इस्तेमाल किया जाता है। तिरंगे झंडे में नीले रंग का अशोक चक्र धर्म तथा ईमानदारी के मार्ग पर चलकर देश को उन्नति की ओर ले जाने की प्रेरणा देता है।