नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात के दौरान देश की जनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मैं आज की पीढ़ी के नौजवानों से एक सवाल पूछना चाहता हूं और मेरा सवाल बहुत गंभीर है। क्या आपको पता है कि आपके माता-पिता जब आपकी उम्र के थे तब एक बार उनसे जीवन का भी अधिकार छीन लिया गया था। ये वर्षों पहले 1975 में जून की बात है जब इमरजेंसी लगाई गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, हमें आपातकाल के काले दौर को नहीं भूलना चाहिए। अमृत महोत्सव न केवल हमें विदेशी शासन से आजादी की कहानियां बताता है बल्कि हमें आजादी के 75 साल की यात्रा भी बताता है। उसमें भारतीयों से सभी अधिकार छीन लिए गए थे। उसमें से एक अधिकर संविधान के आर्टिकल 21 के तहत सभी भारतीयों को मिला ‘RIGHT TO LIFE AND PERSONAL LIBERTY’ भी था। उस समय भारत के लोकतंत्र को कुचल देने का प्रयास किया गया था। देश की अदालतें, हर संवैधानिक संस्था, प्रेस आदि सब पर नियंत्रण लगा दिया गया था। सेंसरशिप की ये हालत थी कि बिना स्वीकृति कुछ भी छापा नहीं जा सकता था।
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— Narendra Modi (@narendramodi) June 26, 2022
मन की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कई कोशिशों, हजारों गिरफ़्तारियों और लाखों लोगों पर अत्याचार के बाद भी लोगों का लोकतंत्र से विश्वास कम नहीं हुआ। लोगों में सदियों से लोकतंत्र की जो भावना रग-रग में है अंत में जीत उसी की हुई। भारत के लोगों ने लोकतांत्रिक तरीके से ही इमरजेंसी को हटाकर वापस लोकतंत्र की स्थापना की।