Ukraine Crisis : भारतीय छात्रों की सुरक्षा को लेकर सियासी संग्राम, सरकार ने बताई अपनी नीति

सीसीएस की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूक्रेन में छात्रों सहित भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यूक्रेन में उभरती स्थिति से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

नई दिल्ली। जैसे ही रूस और युक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुई, वहां पढ़ाई कर रहे भारतीयों छात्रों की वापसी शुरू हो गई। कुछ छात्र आए और कईयों के वहां फंसने की बात सुनने में आ रही है। ऐसे में कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सियासी हमला किया गया। दूसरी ओर केंद्र सरकार ने साफ कर दिया कि वह हर हाल में अपने नागरिकों और छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। हर संभव कोशिश की जा रही है और सभी की स्वदेश वापसी कराई जाएगी।

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि क्या मुश्किल में देश के लोगों से मुंह मोड़ लेना ही ‘मोदी मॉडल’ का समाधान है ? सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि 20,000 भारतीय युवा यूक्रेन में खतरे से जूझ रहे हैं। 2,000 युवा हरियाणवी हैं पर मोदी-खट्टर सरकारों द्वारा उन्हें वापस लाना तो दूर, मेरे पत्र दिनांक 17/2/2022 तक का जबाब देना भी ज़रूरी नहीं समझा। कीव में भारतीय दूतावास के बाहर खड़े हरियाणा के बच्चों को क्या कहेंगे मोदी-खट्टर जी? कोरोना में उनके ‘ऐलान’ ने लोगों को ज़िंदगी बचाने के लिए हजारों किमी पैदल चलने को मजबूर कर दिया। अब खामोशी ने यूक्रेन में जिंदगी और मौत के बीच फंसे 20,000 भारतीय युवाओं को ख़तरे में डाल दिया है। क्या मुश्किल में देश के लोगों से मुँह मोड़ लेना ही ‘मोदी मॉडल’ का समाधान है ?

हरियावणी छात्रों को लेकर मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अधिकतर विद्यार्थियों समेत हरियाणा से करीब 2000 लोग यूक्रेन में फंसे हैं और वह इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि विदेश मंत्रालय पहले ही एक नियंत्रण कक्ष स्थापित कर चुका है और राज्य सरकार ने भी चंडीगढ़ में एक नियंत्रण कक्षा खोला है जहां हरियाणा के लोग व्हाट्सअप नंबर 92123-14595 पर संपर्क कर सकते हैं।

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि भारतीयों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करने वाले हैं। विदेश सचिव ने बताया कि सीसीएस की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूक्रेन में छात्रों सहित भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि यूक्रेन में उभरती स्थिति से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। हमने करीब एक महीने पहले यूक्रेन में भारतीय नागरिकों का पंजीकरण शुरू किया था। ऑनलाइन पंजीकरण के आधार पर हमने पाया कि 20,000 भारतीय नागरिक वहां हैं।

विदेश सचिव ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में 4000 भारतीय नागरिक पहले ही यूक्रेन छोड़ चुके हैं। दिल्ली में विदेश मंत्रालय के कंट्रोल रूम को 980 कॉल और 850 ईमेल मिले हैं। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया, हंगरी के विदेश मंत्रियों से बात करेंगे। उन्होंने बताया कि यूक्रेन में हमारा दूतावास काम कर रहा है। स्थिति के विकसित होने पर दूतावासों द्वारा कई सलाह जारी की गई हैं। हम अपने छात्रों के कल्याण और सुरक्षा प्रदान करने की प्रक्रिया में विश्वविद्यालयों से परामर्श कर रहे हैं।