केंद्रीय वित्त मंत्री ने किया ऐलान, जीएसटी से बाहर ही रहेगा पेट्रोल-डीजल

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बड़ी कटौती का इंतजार कर रहे लोगों जीएसटी की बैठक के बाद जोर का झटका लगा है। उम्मीद थी कि इसे जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा। लेकिन केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कह दिया कि जीएसटी काउंसिल को लगा कि यह पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने का समय नहीं है।

नई दिल्ली। चारों ओर जब महंगाई का शोर है, उस दौर में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी की बैठक में कई अहम घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल को अभी जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करने का ये सही समय नहीं है। अभी राजस्व से जुड़े अन्य मुद्दों पर विचार करना होगा। पहले ये खबर आई थी कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल किया जा सकता है, जिससे पेट्रोल 28 रुपये और डीजल 25 रुपये सस्ता होगा, लेकिन अब वित्त मंत्री के बयान के बाद इन अटकलों पर विराम लग गया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शुक्रवार को लखनऊ में जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई। जिसके एजेंडे में पेट्रोल-डीजल को भी शामिल किया गया, इस पर कई राज्यों ने आपत्ति जताई। केरल हाईकोर्ट के आदेश के कारण ही पेट्रोल, डीजल जीएसटी परिषद के एजेंडे में था।

वित मंत्री ने कैंसर के इलाज समेत कई दवाओं पर संशोधित जीएसटी दर की घोषणा की। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना से संबंधित दवाओं पर जीएसटी दरों में छूट दी गई थी जो 30 सितंबर तक लागू थी। अब इस छूट को 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाया गया है। जीएसटी दरों में ये छूट सिर्फ दवाइयों में दी जाएगी, पहले जो लिस्ट जारी की गई थी उसमें कई तरह के दूसरे उपकरण भी शामिल थे। कुछ जीवन रक्षक दवाएं जो बहुत महंगी हैं, जो बच्चों के लिए ज़्यादा इस्तेमाल की जाती हैं। ये कोरोना से संबंधित नहीं हैं। ऐसी ड्रग्स को जीएसटी से छूट दी गई है। इसपर अब जीएसटी नहीं लगेगा। ज़ोलगेन्स्मा और विल्टेप्सो ऐसी ही 2 महत्वपूर्ण ड्रग्स हैं। एम्फोटेरिसिन-बी और टोसीलिज़ुमैब पर जीएसटी नहीं लगेगा। रेमडेसिविर और हेपरिन पर 5% जीएसटी लगेगा। ये छूट 31 दिसंबर 2021 तक जारी रहेगी।