UP Assembly Result 2022 : सपा से बेहतर उसके साथ सुभासपा का रहा प्रदर्शन

पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, देवरिया आदि जिलों में राजभर बिरादरी के मतदाताओं की अच्छी संख्या है और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस दल की सबसे प्रमुख ताकत राजभर बिरादरी है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी गठबंधन में शामिल पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) छह सीटों पर जीत गई। निर्वाचन आयोग के अनुसार, सुभासपा अध्यक्ष और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर गाजीपुर जिले की जहूराबाद तथा बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी मऊ सीट से चुनाव जीत गए हैं। इसके अलावा, सुभासपा के चार अन्य उम्मीदवारों को भी जीत मिली है। समाजवादी पार्टी के गठबंधन से सुभासपा राज्य की 18 विधानसभा सीटों पर चुनाव मैदान में थी।

आयोग के अनुसार, जहूराबाद में ओमप्रकाश राजभर को 1,14,860 मत तथा उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के कालीचरण को 69,228 मत मिले। राजभर ने 45,632 मतों के अंतर से कालीचरण को पराजित किया। उधर, वाराणसी जिले की शिवपुर विधानसभा सीट पर सुभासपा के प्रमुख महासचिव और ओमप्रकाश के पुत्र अरविंद राजभर को योगी सरकार के मंत्री अनिल राजभर ने पराजित कर दिया। पिछड़ा वर्ग कल्‍याण मंत्री अनिल राजभर को 1,15,231 मत मिले जबकि अरविंद को 87,544 मतों पर ही संतोष करना पड़ा। अरविंद राजभर 2017 में बलिया जिले की बांसडीह सीट से भाजपा समर्थित सुभासपा के उम्मीदवार थे और तब भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

मऊ में सुभासपा उम्मीदवार अब्‍बास अंसारी को 1,24,691 मत मिले तथा उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी के अशोक कुमार सिंह को 86,575 मतों पर सिमट जाना पड़ा। अंसारी ने अशोक को 38 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराया। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में सुभासपा ने भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर आठ सीटों पर चुनाव लड़ा और चार सीटों पर जीत मिली। इसके बाद मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्व की भाजपा सरकार में ओमप्रकाश राजभर ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली।

हालांकि, कुछ ही महीनों बाद भाजपा से उनकी अनबन शुरू हो गई। 2019 में राजभर ने भाजपा से विद्रोह कर दिया और मंत्री पद छोड़ने के बाद वह लगातार विरोधी तेवर अपनाए रहे। इस बार विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने 2017 में भाजपा से समझौते के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव में जीत का स्वाद चखा था और तब आठ सीटों में से चार सीटों पर सुभासपा को जीत मिली। सुभासपा को कुल पड़े वोटों का 0.70 प्रतिशत मत और लड़ी हुई सीटों पर 34.14 प्रतिशत मत मिले थे।