नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन को भारत में टीकाकरण के लिए कभी भी अनुमति मिल सकती है। सरकार की नियामक संस्थाएं इसके लिए जरूरी विमर्श कर रही हैं। उन्हें जब लगेगा कि यह हमारे देश की जनता के लिए पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावशाली है, वे इसकी अनुमति प्रदान करेंगे। भारत सरकार पूरी तरह से तैयार है। सरकारी स्तर पर पूरी कार्ययोजना बना ली गई है। असल में, ये आत्मविश्वास तब और बढ़ जाता है, जब देश हर साल बड़ी संख्या में टीकाकरण के अपने पिछले रिकॉर्ड को देखता है।
ऐसे में आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि यह वैक्सीन किसे और कैसे लगाया जाएगा ? इतनी बडी आबादी के देश में सरकार की क्या कार्ययोजना है ? गांव-गांव तक सरकार कैसे पहुंचेगी ? क्या इस अभियान में कई साल लग जाएंगे ? प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि इसके लिए बूथ बनाए जाएं। जिस प्रकार से लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पोलिंग बूथ बनता है, ठीक उसी प्रकार से वैक्सीन बूथ बनाएं जा रहे हैं। कई राज्यों में यह पूरा किया जा चुका है। अभी तक जो दिशा-निर्देश है, उसके अनुसार इस बूथ पर एक दिन में 100 लोगों को वैक्सीन दिया जाएगा। असल में, एक साथ आम चुनाव कराने का लंबा अनुभव भारत के पास है। इसलिए इसी के तर्ज पर वैक्सीन बूथ बनाए जा रहे हैं।
जिस प्रकार से चुनाव के दौरान मतदानकर्मी होते हैं, वैसे ही कोरोना टीकाकरण अभियान में बनाए गए वैक्सीन बूथ पर स्वास्थ्यकर्मियों को तैनात किया जाएगा। इसके लिए सरकारी और निजी डाॅक्टर्स से संपर्क किया गया है। इस कार्य में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि को भी लिया जा रहा है।
पूरे देश में जिला स्तर पर टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों में प्रशिक्षण लगभग अंतिम चरण में है। पहले दिन के टीका लगने के बाद अगले दिन यह स्टाफ टीकाकरण में सहयोग करेंगे।
हर जिले और शहर के प्रमुख स्थान पर वैक्सीन के लिए भंडारण कक्ष बनाए गए हैं। इनमें स्वदेशी और कुछ विदेशी कंपनी के डीप फ्रीजर लगाए गए हैं। इनमें तय तापमान पर 30 दिन तक वैक्सीन को सुरक्षित रखा जा सकता है। जहां अभी तक नहीं हो पाया है, वहां भंडारण कक्ष का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना वायरस के टीके के भंडारण के लिए 29,000 ‘कोल्ड चेन’, 41,000 ‘डीप फ्रीजर’ और 300 ‘सोलर रेफ्रीजरेटर’ सहित अन्य उपकरणों को उपयोग में लाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के अनुसार, बिजली और बिना बिजली वाले ‘कोल्ड चेन’ उपकरणों के आकलन आदि के संबंध में केंद्र द्वारा राज्यों को दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। उनका कहना है कि कुल 29,000 ‘कोल्ड चेन’, 240 ‘वॉक-इन कूलर’, 70 ‘वॉक-इन फ्रीजर’, 45,000 ‘रेफ्रिजरेटर’, 41,000 ‘डीप फ्रीजर’ और 300 ‘सोलर रेफ्रिजरेटर’ इस्तेमाल किए जाएंगे। ये सभी उपकरण पहले ही राज्यों को वितरित किए जा चुके हैं। इसके साथ ही कुछ अन्य उपकरण भी राज्यों को दिए जा रहे हैं। 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने राज्य संचालन समितियों और राज्य कार्य बल की बैठकें की हैं वहीं 633 जिलों ने इस संबंध में जिला कार्य बल की बैठकें की हैं। केंद्र और राज्यों में 23 मंत्रालयों और विभागों की पहचान की गई है और उन्हें टीकाकरण कार्यक्रम के लिए नियोजन, कार्यान्वयन, जागरूकता सहित विभिन्न भूमिकाएं सौंपी गई हैं।