चंडीगढ़। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री (फिक्की) ने अपने नॉलेज पार्टनर (जेएलएल) (जोन्स लैंग ला सेले) के साथ हरियाणा सरकार के समक्ष एक शोध प्रस्तुत किया है, जो रियल एस्टेट उद्योग में कुशल पेशेवरों की कमी पर रोशनी डालता है। अध्ययन के अनुसार इस सेक्टर को औपचारिक एवं अधिकृत सेक्टर के रूप में विनियमित करने के लिए ‘रियल एस्टेट पेशेवरों’ को नया आयाम’ देने की ज़रूरत है। भारत सरकार के कौशल भारत दृष्टिकोण के अनुरूप यह अध्ययन ऐसे लर्निंग सिस्टम के निर्माण पर ज़ोर देता है जो देश को कौशल की दृष्टि से दुनिया की राजधानी बना सके। देश के युवाओं को विश्वस्तरीय कौशल प्रदान कर उन्हें घरेलू एवं विदेशी बाज़ारों में नौकरियों के लिए तैयार कर सके। विनीत नंदा, चेयरमैन- रीजनल अरबन इन्फ्रा कमेटी, फिक्की एवं डायरेक्टर सेल्स एण्ड मार्केटिंग, कृसुमी कॉर्पोरेशन ने इस व्हाईट पेपर ‘रीशेप रियल एस्टेट प्रोफेशनल्स’ को अरूण कुमार गुप्ता, आई.ए.एस., एसीएस,टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग, हरियाणा के समक्ष प्रस्तुत किया।
श्री नंदा, रीजनल हैड, फिक्की ने समाज के निम्नतम वर्ग को शिक्षित करने के लिए शिक्षा प्रोग्रामों के बारे में बताया, इसमें वे चैनल पार्टनर्स शामिल हैं जो लेन—देन का 80 फीसदी हिस्सा बनाते हैं। वर्तमान में रेरा के बावजूद देश भर में मात्र 30 फीसदी चैनल पार्टनर्स ही रजिस्टर्ड हैं। चैनल पार्टनर्स से जुड़े टीम के सदस्य कुशल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को शिक्षा प्रोग्रामों के विस्तार एवं सर्टिफाईड कोर्सेज़ उपलब्ध कराने वाले विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी में विनियमन को बढ़ावा देना चाहिए। इससे युवाओं को अपस्किल कर उनकी कमाई बढ़ाने में मदद मिलेगी, उन्हें नौकरियों के अधिक अवसर मिलेंगे और राज्य में बड़ी संख्या में लोगों को हरियाण रेरा का तहत लाकर राजस्व बढ़ाया जा सकेगा। व्हाईट पेपर की सराहना करते हुए श्री गुप्ता, आई.ए.एस. एसीएस, टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग हरियाणा ने कहा,‘‘फिक्की/ जेएलएल व्हाईट पेपर सही दिशा में एक कदम है।
हरियाणा सरकार रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता को बढ़ावा देती है। राज्य में इस सेक्टर में कार्यबल को अपस्किल करना बेहद ज़रूरी है, हम फिक्की/ जेएलएल
द्वारा प्रस्तुत किए गए सुझावों के अनुसार इन खामियों को दूर करने के लिए काम करेंगे। कौशल भारत के निर्माण का प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण और हरियाणा के मुख्यमंत्री की यह पहल राज्य के जॉब मार्केट को गति प्रदान कर आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगी।’’ज़्यादातर विकसित देशों में रियल एस्टेट ब्रोकर्स को औपचारिक प्रशिक्षण एवं सर्टिफिकेशन प्रोग्राम पूरा करना होगा, जिसके बाद ही उन्हें लाइसेंस मिलत है। रियल एस्टेट सेक्टर की सफलता और विकास के लिए रियल एस्टेट एजेंट बहुत अधिक मायने रखते हैं। रेरा अधिनियम ने रियल एस्टेट एजेन्ट्स के लिए कुछ निर्देश पेश किए हैं,ताकि रेरा-पंजीकृत परियोजनाओं में बिक्री के लिए उनकी जवाबदेहिता को सुनिश्चित किया जा सके। खासतौर पर गुरूग्राम की वजह से हरियाणा 6 फीसदी योगदान देता है, गुरूग्राम एनसीआर का मुख्य कमर्शियल एवं रिहायशीज़ोन है।‘विभिन्न उद्योगों में पेशेवर सफलता केलिए प्रशिक्षण और अपस्किलिंग बहुत अधिक महत्वपूर्ण होती है। ऐसा ही रियल एस्टेट सेक्टर में भी अनिवार्य है। रियल एस्टेट प्रशिक्षण कर्मचारियों को उद्योग जगत क नए मानकों एवं विनियमों के बारे में अपडेट रहने में मदद करता है। सेक्टर में भावी सफलता के लिए कौशल परिवेश में बदलाव लाना बेहद ज़रूरी है।’ श्री विनीत नंदा ने कहा। ‘‘मुझे विश्वास है कि हरियाणा के लोग इस पॉलिसी को पसंद करेंगे,साथ ही यह पॉलिसी अन्य राज्यों को भी प्रेरित करेगी। रियल एस्टेट से जुड़े पेशेवरों को हमेशा इस क्षेत्र से जुड़ी नई प्रथाओं को सीखते रहना चाहिए।’