समस्तीपुर की वीभत्स घटना पर क्यों सोई है बिहार सरकार

देश और बिहार में ग़रीबी से बुरा हाल, बेरोजगारी अपार, कुंभकर्ण नींद में सो रही है सरकार, आर्थिक तंगी से परेशान परिवार के सदस्यों ने फांसी लगाकर किया आत्महत्या। शर्मनाक हाय ये सुशासन और राम राज्य।

पटना। बिहार के समस्‍तीपुर में दिल दहला देने वाली घटना हुई है। वहां एक ही परिवार के पांच सदस्‍यों की फंदे से लटकती लाशें मिली हैं। यह हत्‍या है, हत्‍या के बाद आत्‍महत्‍या है या सामूहिक आत्‍महत्‍या; निश्‍चित तौर पर कुछ कहना फिलहाल संभव नहीं। हालांकि, स्‍थानीय लोग इस प्रथमदृष्‍टया सामूहिक आत्‍महत्‍या या या परिवार के कुछ सदस्यों द्वारा हत्‍या के बाद आत्‍महत्‍या का मामला मान रहे हैं। जो भी हो, इस घटना ने दिल्ली के बुराड़ी कांड की याद ताजा कर दी है, जहां एक साथ परिवार के 11 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी।
बिहार के समस्‍तीपुर के विद्यापतिनगर थाना के मऊ गांव में एक ही परिवार के पांच सदस्‍यों के फंदे से लटकते शव मिले हैं। शनिवार देर रात की यह घटना जब रविवार की सुबह सामने आई, तो हड़कम्‍प मच गया। कोई इसे सामूहिक आत्‍महत्‍या बता रहा है तो कोई सामूहिक हत्‍या। कुछ लोग इसे परिवार के एक या अधिक सदस्‍यों द्वारा अन्‍य की हत्‍या कर आत्‍महत्‍या भी बता रहे हैं। उन्‍हें परिवार के मुखिया मनोज झा के पुत्र 10 व सात साल के मासूम बेटों क्रमश: सत्यम कुमार व शिवम कुमार के आत्‍महत्‍या करने पर संदेह है। ऐसे में संभव है कि बच्‍चों की हत्‍या कर बड़ों ने आत्‍महत्‍या कर ली हो। घटना का कोई गवाह नहीं होने के कारण अब नजरें पुलिस जांच पर टिकी हैं। इसके बाद ही असली कारण स्‍पष्‍ट हो पाएंगे।
मरने वालों में मनोज झा (45), उनकी मां सीता देवी (65), बेटे सत्यम कुमार (10) व शिवम कुमार (07) एवं पत्‍नी सुंदरमणि देवी (38) शामिल हैं। परिवार में अब केवल दो शादीशुदा बेटियां ही बच गईं हैं। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार परिवार के मुखिया मनोज झा आटो चलाकर व खैनी बेचकर गुजरा करते थे। उपनर भारी कर्ज चढ़ गया था, जिसे चुकाने में वे असमर्थ हो गए थे।
जानकारी के मुताबिक, मऊ गांव के वार्ड 11 में रहने वाले मनोज झा के पिता रविकांत झा ने अपनी बेटी की शादी के लिए कर्ज लिया था। फिर उसे चुकाने की लगातार कोशिश करते रहे लेकिन पारिवारिक कारणों से वो सफल नहीं हो सके। ऐसे में रविकांत झा ने खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।