नई दिल्ली। दुनिया के साथ भारत को भी बीते साल से कोरोना वायरस ने परेशान कर रखा है। देश में कोरोना वायरस के दैनिक संक्रमण में कमी आई है, तो सरकारी स्तर पर कुछ राहत की बात थी। मगर, नई सूचना आई है कि देश में निपाह वायरस (Nipah Virus) भी मिला। दक्षिण के राज्यों में यह मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमा सतर्क हो गया। विशेषज्ञों की टीम इस पर लगातार नजर बनाए हुए है।
कोरोना (COVID19) के दौर में निपाह वायरस (Nipah Virus) का फिर से सामने आना, यानी दोहरी मुसीबत। बीते साल स्वास्थ्य विभाग की टीम ने महाराष्ट्र के महाबलेश्वर के जंगलों से कुछ सैंपल लिए थे। उस सैंपल की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। उसमें निपाह वायरस की पुष्टि हुई है। बता दें कि महाबलेश्वर में एक गुफा के अंदर बड़ी संख्या में चमगादड़ रहते हैं। अब इनको लेकर लोग परेशान हो गए हैं।
वैसे भी महाराष्ट्र कोरोना संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित है। यहां की तमाम व्यवस्था अस्त व्यस्त है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि जल्द ही इस निपाह वायरस (Nipah Virus) को लेकर समुचित कार्रवाई नहीं हुई, तो यह भी नुकसानदेह होगा। लोगों का कहना है कि महाबलेश्वर के चमगादड़ों में निपाह वायरस मिलने के बाद भी स्थानीय प्रशासन सक्रिय नहीं है।
बताया जाता है कि मार्च 2020 में आईसीएमआर के पुणे के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों ने इन चमगादड़ों के सैंपल लिए थे। एनआईवी के वैज्ञानिकों की टीम की सदस्य डॉक्टर प्रज्ञा यादव की ओर से कहा गया है कि इससे पहले किसी भी महाराष्ट्र के चमगादड़ में यह वायरस (Nipah Virus) नहीं मिला था। यह वायरस बहुत ही खतरनाक होता है। इंसानों में काफी तेजी से फैलता है, इससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जब चमगादड़ फल खाकर नीचे फेंकता है और उसे कोई व्यक्ति खा लेता है तो इससे संक्रमण का खतरा होता है। सतारा के डीएम की ओर से जानकारी दी गई है कि फिलहाल महाबलेश्वर-पचगनी में पर्यटकों के आने पर रोक लगा दी गई है। लेकिन यहां निपाह वायरस (Nipah Virus) का कोई खतरा नहीं है।