नई दिल्ली। आज आपने भाई दूज सेलिब्रेट कर लिया होगा। घर में अभी भी फेस्टिव मूड चल रहा है। सब घर पर आए होंगे। हैप्पनीनेस घर में होगी। अब तो सब शाम को ही जाएंगे। पर आपको कुछ खास बताना चाहते हैं हम। आप चाहते हैं कि भाई और बहन का शुभ ही शुभ हो, तो इसके लिए आपको बहुत कुछ करना होगा। अब तक आपने भाई को टीका लगाकर खाना खिला दिया होगा। और सब शाम की चाय पीकर जाने वाले होंगे या कुछ निकल रहे होंगे। अब आया असली टाइम। यानी भाई से तोहफा लेने का। प्लीज, तोहफे में फरमाइश नहीं रखें। आप अपना और भाई का शुभ चाहती हैं, तो कुछ बातों को अपनाएं।
- भाई से लड़े नहीं।
- किसी बात पर कहासुनी हो, तो उसे आप शांत करें।
- भाई कुछ भी दे, उसे ले लें। अनादार नहीं करें।
- कुछ भी काली वस्तु भाई व उसके परिवार को नहीं दें।
- यदि भाई दें काली वस्तु तो ले लें। काला नहीं देना-लेना चाहिए।
- किसी भी तरह से नकरात्मकता आस-पास नहीं इसका ध्यान रखें।
- आप भी भाई व उसके परिवार को उपहार में कुछ दें।
- भाई-बहन के देने व लेने से सकरात्मकता का प्रवेश होता है। यानी पूरे परिवार में खुशियां ही खुशियां।
बस, जल्दी करें इनका पालन। अब तो भाई आपके यहां से निकलने वालें होंगे।