नई दिल्ली। प्रदर्शन के दौरान किसानों की मौत, बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में नारेबाजी की। बुधवार को भी संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विपक्षी सांसदों का प्रदर्शन जारी है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि कोई सरकार ऐसी नहीं हो सकती है जिसके पास आंकड़े ना हो। आंकड़े ना दिखाना ये सरकार का बहाना है। लेकिन किसान झुकने वाले नहीं हैं वो लड़ेंगे और लड़ते रहेंगे। MSP और उनकी जितनी भी मांगें हैं वो उसके लिए लड़ेंगे।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का कहना है कि मित शाह कहते हैं कि हर चीज को क्रोनोलॉजी में देखना चाहिए। क्या क्रोनोलॉजी है, किसान बिल आया तो चर्चा क्यों नहीं कराई गई। हंगामा क्यों हुआ, हंगामा इसलिए हुआ क्योंकि भाजपा चर्चा नहीं कराना चाहती थी। क्या ये हमारा अधिकार नहीं था। कांग्रेस पार्टी ने आज तक किसी भी ऐसे राजनीतिक दल से समझौता नहीं किया जो धर्म का उपयोग राजनीतिक हथियार के रूप में करता है। आज इस देश में सबसे बड़ा खतरा अगर कोई है तो वो साम्प्रदायिक, नफरत फैलाने वाली विचारधारा की पार्टी है जो आज सत्ता में है।
भाजपाई काले इरादों के खिलाफ संघर्ष हमारा जारी है।
जनता की आवाज उठाना कांग्रेस ने समझा जिम्मेदारी है।। pic.twitter.com/CG3qYXSg2l— Congress (@INCIndia) December 2, 2021
वहीं, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि गांधी जी की प्रतिमा के नीचे अगर वे धरना दे रहे हैं तो कुछ सद्बुद्धि आ सकती है। आपको संसद की चर्चा, बहस और फैसलों में भागेदारी करनी चाहिए। यही लोकतांत्रिक मर्यादा है।
सरकार द्वारा किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों का रिकॉर्ड न होने के जवाब पर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा कहते हैं कि जितने किसानों ने अपनी जान कुर्बान की है उसका रिकॉर्ड सार्वजनिक है। संयुक्त किसान मोर्चा ने इसे प्रकाशित किया है। हर प्रदेश में गांव स्तर पर ये जानकारी मौजूद है।