UP News : मैनेजरों पर लगा 17 लड़कियों के यौन उत्पीड़न और रेप की कोशिश का आरोप

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में दो प्राइवेट स्कूल के मैनेजरों पर 17 लड़कियों को कथित रूप से नशीला पदार्थ पिलाकर यौन उत्पीड़न करने और बलात्कार की कोशिश करने का आरोप लगा है। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।

नई दिल्ली। पढ़ने तो स्कूल जाते हैं, यदि वहां इज्जत ही तार-तार हो जाए। तब स्कूल, करियर का सोचना काफी मुश्किल है। ऐसा मामला उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले सामने आया है। यहां के दो प्राइवेट स्कूल के मैनेजरों पर 17 लड़कियों को कथित रूप से नशीला पदार्थ पिलाकर यौन उत्पीड़न करने और बलात्कार की कोशिश करने का आरोप लगा है। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।

इस बाबत मुजफ्फरनगर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने सोमवार को बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और स्थानीय विधायक प्रमोद उटवाल के हस्तक्षेप के बाद परिवार की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया। यह भी बताया कि पुरकाजी पुलिस थाना के प्रभारी विनोद कुमार सिंह को इस मामले में कथित लापरवाही बरतने को लेकर लाइन हाजिर कर दिया गया।

पॉक्सो एक्ट की धाराओं में रिपोर्ट

गौरतलब है कि भोपा थाना स्थित सूर्य देव पब्लिक स्कूल के संचालक योगेश कुमार चौहान और पुरकाजी क्षेत्र में पड़ने वाले जीजीएस इंटरनेशनल स्कूल के संचालक अर्जुन सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न, नशीला पदार्थ देने और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने बताया कि यह कथित घटना उस समय हुई, जब योगेश सूर्य देव पब्लिक स्कूल में 10वीं में पढ़ने वाली 17 लड़कियों को प्रायोगिक परीक्षा दिलाने के लिए जीजीएस स्कूल में लेकर गए थे और उन्हें वहां रातभर रुकना था। इतना ही नहीं पीड़िताओं के परिजन की शिकायत के अनुसार, दोनों आरोपियों ने नाबालिग लड़कियों को कथित रूप से नशीला पदार्थ पिलाकर उनका यौन उत्पीड़न किया और बलात्कार करने की कोशिश की है।

क्या कहते हैं परिजन

परिजनों की शिकायत है कि आरोपियों ने लड़कियों को धमकी दी कि वे घटना के बारे में किसी को नहीं बताएं। ऐसा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) यादव ने बताया। एसएसपी ने बताया कि स्कूल प्रबंधन के दो लोगों के खिलाफ भारतीय दंड की धारा 328 (अपराध करने के इरादे से जहर आदि से नुकसान पहुंचाना), धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल प्रयोग करना) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम की संबद्ध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।