नई दिल्ली। बीते चार पांच दिनों से कोरोना के दैनिक मामले बढ़े हैं। शुक्रवार की सुबह सरकार की ओर से जारी आंकड़े डरा रहे हैं। इस बीच दिल्ली सरकार ने भी संकेत दिए हैं कि यदि राजधानी में संक्रमण में बढ़ोत्तरी हुई, तो वह सख्त पाबंदी लगाने से परहेज नहीं करेगी। पाबंदी लॉकडाउन तक भी जा सकती है।
शुक्रवार की सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार,भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 44,643 नए मामले आए, 41,096 रिकवरी और 464 लोगों की कोरोना से मौत हुई। देश में कोरोना वायरस का रिकवरी रेट अब 97.36% है और दैनिक पॉजिटिविटी रेट 2.72% है। पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस की 57,97,808 वैक्सीन लगाई गईं, जिसके बाद कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 49,53,27,595 हुआ।
दूसरी ओर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सरकार कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर में बुरी से बुरी स्थिति के मद्देनजर तैयारी कर रही है और कोविड-19 के मरीजों के लिए 37,000 बेड्स की व्यवस्था कर रही है। इसके साथ ही अगर संक्रमण की दर फिर से 5 प्रतिशत हो जाती है तो तत्काल लॉकडाउन लागू किया जाएगा। कोविड-19 के मरीजों के लिए 37,000 से ज्यादा बेड्स की व्यवस्था की जा रही है और दिल्ली सरकार बुरी से बुरी स्थिति के मद्देनजर तैयारी कर रही है ताकि कीमती जिंदगियां बचाई जा सकें।
वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि यह समय सभी के लिए मुश्किल है। हम सभी शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी का सामना कर रहे हैं। किशोर भी इस समस्या से अछुते नही हैं। परिस्थितियों के साथ सामंजस्य करना उनके लिए भी मुश्किल हो रहा है, इसका असर उनकी नियमित दिनचर्या पर पड़ रहा है, जैसेकि या तो वह बहुत अधिक खा रहे हैं या बिल्कुल भी नहीं। कुछ किशोर व्यवहार में बहुत आक्रामक हो गए हैं, कुछ युवाओं के व्यवहार गंभीर ओसीडी (अब्सेसिव कंपलसिव डिस्आर्डर) का असर दिख रहा है। क्योंकि उन्हें बाहर आने जाने की मनाही है घर पर भी नियमित दिनचर्या नहीं है, इसलिए मोबाइल स्क्रीन पर औसतन बिताए जाने वाले समय की अवधि बढ़ रही है, स्क्रीन टाइम बढ़ने से एकाग्रता और ध्यान की कमी आदि समस्या भी बढ़ी हैं।