Bharat Band 27 September 2021 : 27 को भारत बंद की तैयारी, किसान संगठन हो गए हैं पूरा एक्टिव

पंजाब के किसान संगठनों के 3 काले कानूनों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का एक वर्ष पूरा - आज ही के दिन 19 सितंबर 2020 को पंजाब में बोए गए थे मौजूदा ऐतिहासिक संघर्ष के बीज.

नई दिल्ली। एक वर्ष पहले, 19 सितंबर 2020 को पंजाब के मोगा में वर्तमान ऐतिहासिक किसान संघर्ष के बीज बोए गए थे। इस दिन, जून 2020 को मोदी सरकार द्वारा अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक रूप से लाए गए किसान-विरोधी, कॉर्पोरेट-समर्थक कृषि अध्यादेशों का विरोध करने वाले विभिन्न किसान संगठनों ने साथ आने और एकजुट होकर संघर्ष करने का फैसला किया था। इस दिन पंजाब के 32 किसान संगठनों द्वारा शुरू किए गए समन्वित संघर्ष ने एक बड़े अखिल भारतीय गठबंधन की नींव रखी, जो बाद में 27 अक्टूबर और 4 नवंबर को तैयार हुआ। इस प्रकार संयुक्त किसान मोर्चा का अखिल भारतीय स्तर पर संघर्ष शुरू हुआ, और जैसा कि कहते हैं, बाकी सब इतिहास है। किसान संगठनों और नेताओं ने इस ऐतिहासिक संघर्ष में सामुहिक नेतृत्व के साथ लोकतांत्रिक तरीके से काम करना सीखा है, जिसने देश के किसानों की पहचान, गरिमा और ताकत को फिर से जगाया है।

कल, पंजाब के किसान नेताओं ने एसकेएम समन्वय समिति के सदस्यों के साथ फैसला किया कि वे आज मुरथल में सोनीपत डीएम द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग नहीं लेंगे। नेताओं ने तर्क दिया कि किसान आंदोलन को ऐसी बैठकों में खींचने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का गलत अर्थ निकाला जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 23 अगस्त 2021 को डब्लू पी(सिविल) क्रमांक 249/2021 के अपने आदेश में, भारत के सालिसिटर जनरल को कहा है कि समाधान भारतीय संघ और संबंधित राज्य सरकारों के हाथों में है। एसकेएम फिर जोर देकर कहता है कि वास्तव में ऐसा ही है। भारत सरकार किसानों की जायज़ मांगों को पूरा नहीं करने पर अड़ी रही है, और 22 जनवरी 2021 के बाद से किसानों के प्रतिनिधियों के साथ कोई बातचीत नहीं की है। सरकार जानती है कि समाधान कहां है और जहां अब तक 600 से अधिक किसान शहीद हो चुके हैं, सरकार प्रतिशोधपूर्ण तरीके से विरोध करने वाले किसानों को कठिनाइयों में रखने के लिए अडिग है। एसकेएम ने कहा, “यह शर्मनाक है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में एक चुनी हुई सरकार अपने नागरिकों को अपनी आजीविका और भविष्य बचाने के लिए इस तरह के संघर्ष में डाल रही है।” एसकेएम का यह भी कहना है कि हरियाणा और दिल्ली पुलिस ने किसानों को रोका है, जिन्होंने बैरिकेड लगा रखे हैं और सड़कों को जाम कर दिया है। सड़कों को जाम करने वाले किसान नहीं हैं। दरअसल, विरोध कर रहे किसानों ने सिंघू और टिकरी मोर्चा पर सड़क के दोनों ओर यातायात के आवागमन के लिए स्पष्ट रास्ता बना लिया है और गाजीपुर बॉर्डर पर सड़क केवल एक तरफ से अवरुद्ध है। यही हाल शाहजहांपुर और अन्य मोर्चों का भी है। एसकेएम ने केंद्र सरकार और संबंधित राज्य सरकारों को याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में उन्हें समन्वय की जिम्मेदारी दी है, जबकि हरियाणा सरकार द्वारा अनावश्यक किसान संगठनों को इसमें घसीटा जा रहा है।

27 सितंबर के बंद की योजना बनाने के लिए कई संगठनों द्वारा आज जयपुर में किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया । कर्नाटक में आज शाम एक वर्चुअल जनसभा आयोजित की जा रही है, जिसे राज्य के प्रमुख किसान नेताओं द्वारा संबोधित किया जाएगा। भारत बंद की तैयारियों की समीक्षा के लिए और कई किसान संगठनों के बीच होने वाले समन्वित कार्य के लिए कल तमिलनाडु में एक बैठक की योजना है। मोहाली में आज दूध विक्रेताओं और सब्जी विक्रेताओं से भारत बंद का समर्थन करने की अपील करने के लिए एक बैठक का आयोजन किया गया। रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र और तेलंगाना के विभिन्न हिस्सों में योजना बैठकें हो रही हैं। बंद के प्रस्ताव पर व्यापारियों, कर्मचारी संघों, वकील संघों, ट्रांसपोर्टर्स यूनियनों, ट्रेड और मजदूर यूनियनों और अन्य लोगों से अब तक जबरदस्त सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है और समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा समर्थन का वादा किया गया है। कई राजनीतिक दलों ने भी समर्थन का वादा किया है।

मध्यप्रदेश के सिवनी जिला मुख्यालय के अंबेडकर चौक पर बाबा साहब अम्बेडकर प्रतिमा के समक्ष अनवरत 105 दिन तक चला किसानों का धरना अब जैतपुर कलां ग्राम में संयुक्त किसान मोर्चा सिवनी द्वारा पुनः शुरू किया गया है। रीवां जिले में 260 वें दिन भी किसानों का धरना जारी रहा। मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में नर्मदा बचाओ आंदोलन ने भारत बन्द के समर्थन में रैली निकाली। भारतीय किसान यूनियन ने भितरवार (ग्वालियर) में बंद को लेकर बैठक की। 2 अक्टूबर को चंपारण से शुरु होने वाली पदयात्रा जो 20 अक्टूबर को वाराणसी पहुंचेगी, का पूरा विवरण तैयार करने के लिए आज वाराणसी में एक योजना बैठक आयोजित की गई।