चुनाव आयोग के निर्णय के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने ली विधायकों की बैठक

रांची। केंद्रीय चुनाव आयोग ने झारखंड के राज्यपाल से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने को कहा है। उसके बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने आवास पर सत्ताधारी दलों को बुलाया है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज रांची में अपने आवास पर सत्तारूढ़ दल के मंत्रियों और विधायक दल की बैठक की अध्यक्षता की।

कांग्रेस विधायक व मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि हमें अपने विधायकों और मंत्रियों पर पूरा भरोसा है इसलिए वह रांची में ही रहेंगे। हमारे सारे विधायक यहां पर हैं और तीन कोलकाता में हैं। अगर वक्त पड़ा तो उनको भी यहां ले आएंगे। हमारा कोई दूसरा प्लान नहीं है। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के किए ट्वीट पर ‘रिसोर्ट पॉलिटिक्स’ को लेकर पूछे सवाल पर आलमगीर ने कहा कि सभी विधायक एकजुट हैं। हमें अपने विधायकों को कहीं ले जाने की जरूरत नहीं है। सभी विधायकों को रांची में ही रहने का निर्देश दिया गया है। कांग्रेस का कोई विधायक छत्तीसगढ़ या दूसरी जगह नहीं जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा, हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार पूरी तरह एकजुटता के साथ खड़ी है। जिस तरह की राजनीति की जा रही है, हम लोग उसके खिलाफ लड़ेंगे। हम लोग बंगाल या छत्तीसगढ़ क्यों जाएंगे। हम लोग डरने वालों में से नहीं हैं। रांची में रहेंगे तमाम समस्याओं का सामना कर रास्ता निकालेंगे।

हेमंत सोरेन के करीबी लोगों का कहना है कि सीएम आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं। सीएम कार्यालय के एक सूत्र ने कहा, ‘वे मानसिक रूप से तैयार हैं। यदि फैसला उनके खिलाफ आता है और उन्हें अयोग्य (एक विधायक के रूप में) घोषित किया जाता है, तो वह फिर से निर्वाचित होने तक (छह महीने के भीतर बरहेट विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में) सरकार का चेहरा (कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में) बने रहेंगे। यदि उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगती है तो किसी नए चेहरे को मौका दिया जाएगा। लेकिन, इतना तय है कि हम कोर्ट का रुख करेंगे।’

बता दें कि चुनाव आयोग (ईसीआई) ने मुख्यमंत्री सोरेन को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9 (ए) के तहत दोषी मानते हुए उन्हें विधायक के पद से अयोग्य किए जाने का मंतव्य राज्यपाल रमेश बैस को सौंप दिया है। अब आखिरी फैसला राज्यपाल के हाथ में है। राजभवन के फैसले पर सभी की निगाहे हैं। माना जा रहा है कि राज्यपाल रमेश बैस आज आयोग की रिपोर्ट पर निर्णय दे सकते हैं।