अपोलो कैंसर सेंटर्स ने लॉन्च किया ‘अनमास्क कैंसर’

नई दिल्ली। कैंसर के बाद के जीवन की एक मार्मिक खोज में, अपोलो कैंसर सेंटर्स (एसीसी) ने बड़े ही गर्व के साथ ‘अनमास्क कैंसर’ लॉन्च किया है। यह एक अभूतपूर्व अभियान है जिसका उद्देश्य कैंसर के बारे में सच्चाई को उजागर करना, मिथकों को दूर करना और समाज के अंतर्गत सहानुभूति को बढ़ावा देना है। विश्व कैंसर दिवस नजदीक आ रहा है, इस मौके पर एसीसी कैंसर विजेताओं द्वारा सामना किए जाने वाले भेदभाव की दुर्भाग्यपूर्ण वास्तविकता को संबोधित करने के लिए एक साहसिक कदम उठा रहा है।

‘अनमास्क कैंसर’ कैंसर विजेताओं का सफ़र है, जो असाधारण कौशल और योग्यता प्रदर्शित करने के बावजूद अपने कैंसर इतिहास से उत्पन्न सामाजिक पूर्वाग्रहों से जूझते हैं। यह अभियान पूर्वाग्रह के व्यापक भय पर प्रकाश डालता है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण पहलू को छिपाने को मजबूर होते हैं और इस प्रकार यह अभियान भेदभाव का सामना कर रहे अनगिनत अन्य लोगों के अनुभवों को प्रतिबिंबित करता है।

इस अग्रणी पहल में, द फोरम फॉर ब्रेस्ट कैंसर प्रोटेक्शन-एक सहायता समूह जो कैंसर से लड़ने के प्रति समर्पित है, कैंसर को अनमास्क करने के आशय को प्रतिध्वनित करता है। यह कैंसर के खिलाफ लड़ाई में भावनात्मक स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है और कैंसर सर्वाइवर्स द्वारा सामना किए जाने वाले सामाजिक पूर्वाग्रहों को संबोधित करता है।

‘अनमास्क कैंसर’ पहल एक विचारोत्तेजक सामाजिक प्रयोग वीडियो प्रस्तुत करता है जो जीवन के विभिन्न पहलुओं में भेदभाव के गहन परिणामों पर प्रकाश डालता है। यह विडियो सामाजिक, कॉर्पोरेट और अपीयरेंस-संबंधी पूर्वाग्रहों सहित विविध पृष्ठभूमि के व्यक्तियों को चित्रित करता एवं वीडियो के अंत में केवल कुछ बहादुर कैंसर विजेता जिन्हें अपने परिवारों और दोस्तों से समर्थन प्राप्त होता है, खुद को अनमास्क करते हैं।

जागरूकता पैदा करने और कॉर्पोरेट जगत सहित समाज के अंतर्गत एक सार्थक बदलाव लाने के लिए एसीसी कॉर्पोरेट क्षेत्र और बड़े पैमाने पर समाज में ‘अनमास्क कैंसर’ पहल कर रहा है। इसके अलावा, ऑन्कोलॉजिस्ट और सर्वाइवर्स के नेतृत्व में एक कैंसर संवेदीकरण सत्र शुरू किया जाएगा। यह सत्र इस बीमारी को समझने, कलंक को मिटाने और सहानुभूति विकसित करने का अवसर प्रदान करेगा। जीवन और समाज के अंतर्गत सकारात्मक बदलाव हेतु प्रतिभागियों और उत्साहियों को व्यावहारिक कौशल के मध्यम से सशक्त बनाने के उद्देश्य से यह सत्र ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से उपलब्ध होगा। यह जुड़ाव लोगों के बीच समानता और सहानुभूति की संस्कृति को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

डॉ. मनीष सिंघल, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, अपोलो कैंसर सेंटर, दिल्ली ने कहा, “एसीसी में हमारा मिशन केवल विश्व स्तरीय चिकित्सा देखभाल प्रदान करना ही नहीं है। हम हर व्यक्ति के अधिकारों का समर्थन करने में विश्वास करते हैं, चाहे उनका चिकित्सा इतिहास कुछ भी हो। ‘अनमास्क कैंसर’ एक ऐसे समाज के निर्माण के प्रति हमारे समर्पण का प्रमाण है जो कैंसर सर्वाइवर्स का समर्थन और उत्थान करता है।”

सुश्री रीना, कैंसर विजेता ने कहा, “भेदभाव के डर से अपने कैंसर के इतिहास को छिपाना एक बोझ था जिसे मैं वर्षों तक ढोती रही। ‘अनमास्क कैंसर’ ने मुझे और मेरे परिवार को अपनी कहानी साझा करने और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित किया है। अब समय आ गया है कि समाज कैंसर सर्वाइवर्स की ताकत और दृढ़ता को पहचाने।”

इस अभियान के महत्व पर जोर देते हुए, डॉ दिपांजन पंडा, वरिष्ठ सलाहकार, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, अपोलो कैंसर सेंटर, दिल्ली ने कहा, “कैंसर सर्वाइवर्स के साथ भेदभाव न केवल उनके व्यावसायिक और व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि यह उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए भी एक बड़ा खतरा पैदा करता है। ‘अनमास्क कैंसर’ इस महत्वपूर्ण मुद्दे के प्रति समाज को संवेदनशील बनाने और अधिक करुणामय दुनिया का मार्ग प्रशस्त करने का एक अभूतपूर्व उपागम है।”

डॉ रमेश सरीन, सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, एसीसी, दिल्ली, जो फोरम फॉर ब्रेस्ट कैंसर प्रोटेक्शन (एनजीओ) भी चलाते हैं, ने कहा, “कैंसर उपचार के बाद की यात्रा में मनोवैज्ञानिक समर्थन महत्वपूर्ण है। ‘अनमास्क कैंसर’ उत्तरजीविता के शारीरिक एवं भावनात्मक दोनों पहलुओं को संबोधित करते हुए समग्र देखभाल प्रदान करने के हमारे मिशन का पूरी तरह से समर्थन करता है।”

यह पहल कैंसर उपचार से बाद के जीवन के प्रति एसीसी की प्रतिबद्धता का एक शक्तिशाली साक्ष्य है। जैसे-जैसे अभियान आगे बढ़ेगा, ‘अनमास्क कैंसर’ एक परिवर्तनकारी संवाद शुरू करने, सहानुभूति जगाने और एक ऐसी दुनिया का मार्ग प्रशस्त करने का वादा करता है जहां कैंसर सर्वाइवर्स बेपर्दा होकर अपना जीवन जी सकेंगे।