Gomti River Front Project – CBI की बड़ी कार्रवाई, एक साथ 40 ठिकानों पर छापेमारी

जो सपा सरकार की उपलब्धि बताई गई, उसमें भाजपा सरकार को भ्रष्टाचार दिखा। गोमती रिवरफ्रंट परियोजना को लेकर आज एक साथ 40 से अधिक ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी जारी है। क्या सच सामने आएगा ?

नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) सोमवार को तीन राज्यों में एक साथ 40 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। गोमती रिवरफ्रंट परियोजना के मामले में यह कार्रवाई की जा रही है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में यह छापेमारी की जा रही है। खबर लिखे जाने तक सीबीआई का कोई भी बड़ा अधिकारी इस संदर्भ में खुलेतौर पर कुछ कह नहीं रहा है।

असल में, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) थे, उस समय गोमती रिवरफ्रंट परियोजना (Gomti Riverfront Project) को लेकर अच्छी बातें की गई। समाजवादी पार्टी के सरकार की उपलब्धियों में इसे शुमार किया जाने लगा था, लेकिन जैसे ही राज्य में निजाम बदला और भाजपा की सरकार आई, इस परियोजना को शक की नजर से देखा जाने लगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanth) को इसमें भ्रष्टाचार दिखाई पड़ा। 2017 में ही योगी सरकार ने एक न्यायिक आयोग गठित कर इसकी जांच के आदेश दिए थे, जिसकी अध्यक्षता रिटायर जज आलोक कुमार सिंह ने की।

जांच में पाया गया कि पूरे प्रोजेक्ट में करीब 800 टेंडर निकाले गए थे। उसके बाद इसको लेकर जांच करने की जरूरत समझी गई। सोमवार को जब एक साथ 40 ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी कर रही है, तो माना जा रहा है कि कई कागजात मिलेंगे और इसकी सच्चाई बाहर आएगी। सीबीआई (CBI) ने कई सुपरिंटेंड इंजीनियर और अधिशासी इंजीनियरों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

बता दें कि इस मामले में शुक्रवार को ही 190 लोगों पर केस दर्ज किया गया था। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में 40 जगहों पर सीबीआई की टीम ने छापे मारे। जिसमें लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, रायबरेली आदि शामिल हैं।

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