नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के बाद ब्लैक फंगस (Black Fungus) ऐसा शब्द है, जिसे सुनकर मरीज और उसके परिजन के होश उड जाते हैं। राजधानी दिल्ली सहित कई दूसरे शहरों में भी इसके आतंक से लोग परेशान है। डाॅक्टरों के लिए भी यह किसी चुनौती से कम नहीं है। दिल्ली के सरगंगाराम अस्पताल में कई मरीज भर्ती हैं। अलीगढ में भी इसके दस्तक देने की सूचना है।
सर गंगाराम अस्पताल के अध्यक्ष डाॅ डीएस राणा ने कहा कि सर गंगा राम अस्पताल में हमें म्यूकोर्मिकोसिस (ब्लैक फंगस) के 48 मरीज मिले हैं। 16 मरीज अस्पताल में भर्ती होने के इंतजार में हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार यह बीमारी कोरोना (COVID19) वायरस से ठीक हुए मधुमेह के रोगियों में अधिक हो रही है। इस बीमारी में पीड़ित की आंखों की रोशनी जाने के साथ ही जबड़े तक को निकालने की नौबत आ रही है।
बता दें कि दिल्ली के मशहूर मूलचंद अस्पताल में 16 मई को ये मामला आया। मैक्स अस्पताल में 25 केस, एम्स में 15-20 केस और मूलचंद में एक केस दर्ज किया गया है। कोरोना की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस के मामले बढ़े हैं। गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश और कर्नाटक के अलावा अन्य कुछ राज्यों में भी ये मामले दर्ज किए गए। राजस्थान सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया है। एक दिन पहले ही हरियाणा सरकार ने भी ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया है।
वहीं, अलीगढ़ जिले में ब्लैक फंगस के दो मामले सामने आए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर भानु प्रताप कल्याणी ने कहा कि पहला मामला दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल में और दूसरा मामला धनीपुर इलाके में स्थित एक निजी अस्पताल में सामने आया है। उन्होंने बताया कि इन दोनों ही मामलों के बारे में प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट भेज दी गई है। कल्याणी ने कहा कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए कुछ महत्वपूर्ण दवाएं इस वक्त स्टॉक में नहीं हैं। ब्लैक फंगस के दोनों मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है और उन्हें दवा की कुछ खुराक दी गई हैं। उम्मीद है कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए जरूरी दवाएं बुधवार शाम तक उपलब्ध हो जाएंगी।