नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से कहा गया है कि इस साल रेपा रेट में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाएगा। बुधवार को आरबीआई के गर्वनर शशिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4% रहेगा। रिवर्स रेपो रेट भी बिना किसी बदलाव के साथ 3.35% रहेगा। मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी(MSF) रेट और बैंक रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4.25% रहेगा।
अपने संबोधन में आरबीआई गर्वनर शशिकांत दास ने कहा कि 2021-22 में रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 9.5% पर बनाए रखा गया है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक(CPI) मुद्रास्फीति 2021-22 में 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।रिजर्व बैंक वृद्धि दर को पटरी पर लाने और उसे सतत आधार पर बनाये रखने के लिए उदार रुख बरकरार रखेगा। आरबीआई बैंकों को विदेशी शाखाओं में पूंजी डालने की अनुमति देगा, उनकी पूर्व अनुमति के बिना लाभ प्रत्यावर्तित करेगा। कच्चे तेल की कीमत नवंबर में नरम हुई, इससे घरेलू बाजार में लागत के स्तर पर दबाव कम होगा।
Monetary Policy Committee (MPC) voted unanimously to keep the policy repo rate at 4% & the stance remains accommodative. MSF rate and bank rate remain unchanged at 4.25%. Reverse repo rate also remains unchanged at 3.35%: RBI Governor Shaktikanta Das following MPC meeting pic.twitter.com/6QzXO1DHBg
— ANI (@ANI) December 8, 2021
बता दें कि आरबीआई बुधवार को लगातार नौवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का ऐलान किया है। रेपो रेट 4 फीसदी पर स्थिर है। मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी के 6 सदस्यों में से 5 से पॉलिसी रेट को मौजूदा लेवल पर बनाए रखने का समर्थन किया था। इसका मतलब ये हुआ कि आपकी बैंक की ईएमआई नहीं घटेगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी गिरावट से बाहर आ गयी है, हम कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए बेहतर रूप से तैयार हैं। वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्थाएं खुल रही हैं, गतिविधियों का स्तर महामारी पूर्व स्तर पर पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दूसरे देशों की तुलना में सुधार के मार्ग पर तीव्रता से बढ़ रही है लेकिन वैश्विक स्तर पर होने वाले घटनाक्रमों से बच नहीं सकती है।