नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र से पहले कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के नेता केंद्र सरकार से सवाल करना शुरू कर दिए हैं। इससे तो इतना तय है कि संसद का मानसून सत्र हंगामेदार रहेगा। कांग्रेस की ओर से सीएजी रिपोर्ट को लेकर आईटी मंत्रालय से भी जवाब मांगा गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि CAG की एक 122 पेज की रिपोर्ट आई है। जिसमें आईटी मिनिस्ट्री पर CAG ने उंगलियां उठाई हैं कि जुलाई 2019 से लेकर दिसंबर 2020 तक इस मंत्रालय के तहत करोड़ों रुपये सीएचसी को दिये गये। आप सोचिये कि एक प्राइवेट कंपनी के साथ मंत्रालय एसपीवी बनाता है और फिर उस एसपीवी के जरिए अपने पास प्रपोजल भी मंगवा लेता है, इसके तुरंत बाद पैसे सेंशन भी कर देता है। मोदी सरकार की लापरवाही से भारत में कोरोना फिर तेजी से बढ़ना शुरू हो गया है। सरकार कोरोना पर काबू करने की जगह अपना प्रचार-प्रसार करने में लगी हुई है। टीकाकरण की धीमी रफ्तार बेहद चिंता का विषय है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया,’इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय पर कैग की रिपोर्ट भारी अनियमितताओं का खुलासा करती है. क्या दूरसंचार विभाग और भारत सरकार ने बिना निविदा के ठेके दिए? क्या बिना किसी औपचारिक करार के करोड़ों रुपये का भुगतान किया जा सकता है? इसके लिए जिम्मेदार कौन है? क्या सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री जवाब देंगे?’
बता दें कि हालिया मंत्रिमंडल फेरबदल से पहले देश के आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद रहे हैं। वर्तमान में इसकी जिम्मेदारी अश्विनी वैष्णव संभाल रहे हैं।
कल से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में 2 वित्तीय विधेयक सहित 31 विधेयक पेश किए जा सकते हैं। संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि क़रीब 33 पार्टी के 40 से ज़्यादा नेताओं ने चर्चा में भाग लिया और किस विषय पर चर्चा होनी चाहिए उन्होंने इसका सुझाव भी दिया। प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से स्वस्थ और सार्थक चर्चा होनी चाहिए। शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा है कि आज सभी पार्टियों ने कहा कि किसान आंदोलन एक बड़ा मुद्दा है और इसको हल किया जाए। सदन तब चलेगा जब लोगों के मुद्दों को हल किया जाएगा।