आखिरकार ‘बंगले’ से बेदखल कर दिए गए चिराग पासवान

दिल्ली में चिराग पासवान को लोजपा के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। सूरजभान सिंह लोजपा के नए अध्यक्ष बनाए गए। बिहार में इसकी खूब प्रतिक्रिया देखी जा रही है। दोनों गुटों के लोगों के आपस में उलझने की सूचना है। अभी कुछ दिन बंगले के भीतर ये सब होता रहेगा...

नई दिल्ली। पिता ने विरासत में भरा पूरा परिवार दिया था। उस बंगले में कई सांसद थे, जिन्हें एकजुट रखने की जिम्मेदारी लोक जनशक्ति पार्टी के नेता व अध्यक्ष चिराग पासवान की थी। मंगलवार को राजनीतिक घटनाक्रम में उन्हें लोजपा के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। मंगलवार को संसदीय दल के नेता पशुपति कुमार पारस के आवास पर हुई। बैठक में सर्वसम्मति से चिराग पासवान को लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाया गया। उनकी जगह सूरजभान सिंह को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

दरअसल, इस कहानी की शुरूआत कुछ समय पहले हो गई थी, जिसे चिराग पासवान समझ नहीं पाए। उनके सलाहकारों ने सही समय पर सचेत नहीं किया। संभव है कि सलाहकारों तक सियासी दांवपेंच की सूचना तक नहीं पहुंची हो। नतीजा, चचा पारस हुम्मच कर खड़े हुये.तब जाकर बंगला बचा। वरना भतीजा त बंगला भरना पर रक्खे के फेर में था। चुनाव के खाली मैदान में जो गोजी चलाये मुख्यमंत्री बनने के बाद से नितीश चचा उसके हिसाब किताब पर उतरे हैं। अड़ंगा लगाये हैं। बंगला को एनडीए में घुसने ही नहीं दे रहे। सुशासन चचा के दांव से उनको जेल भिजवाने का दंभ भरने वाला भतीजा अलबलाता रहा.हाई कनेक्शन के जोर पर जो सो करता रहा।

एनडीए की फाटक पर सोंटा लिये खड़े चचा नितीश को जासूस लोग सब बताते रहे। जैसे ही सुना कि दिल्ली वालों ने चिराग को चमकाने के लिए अबकी नया तरकीब निकाला है। झट सतर्क हो गये। फिर पेट में अकील दाँत रखने वाले जीव का परिचय दिया। तू डाल डाल, मैं पात पात वाला दांव चला। भूमिहार सांसद को सीधे राम बाबू के घर में घुसा दिया। तब जाकर भतीजे के विलास की संभावना पर ग्रहण लगी।