कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी चुनावी राज्यों में पूरी तरह से इलेक्शन मोड में आ चुकी है। पार्टी के स्टार प्रचारक और नेता लगातार चुनावी राज्यों का दौरा कर रहे हैं। रविवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर में दर्शन किए। मंदिर में पूजा अर्चना की और उसके बाद राजनीतिक सफर पर निकल पडे।
सीएम शिवराज सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नीतियों में कमियां निकालीं और उन्हंे जनता के हित का बात बताई। उन्होंने कहा कि रामकृष्ण परमहंस, रबींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाषचंद्र बोस और स्वामी विवेकानंद की इस पवित्र धरती को ममता दीदी आपने खून से रंगने और बांटने का काम किया है। बंगाल की जनता आपको कभी माफ नहीं करेगी! हावड़ा के बरगाछिया में नागरिकों की आत्मीयता के लिए आभार प्रकट करता हूं। पश्चिम बंगाल में चारों ओर परिवर्तन की बयार चल रही है। उन्होंने कहा कि ममता दीदी के कुशासन से मुक्ति के लिए बंगाल ने स्पष्ट संकेत दे दिया है। अब बंगाल में कमल का फूल खिलकर रहेगा।
साथ ही शिवराज सिंह चैहान ने पौधोरोपण करके पश्चिम बंगाल में भी पर्यावरण का संदेश दिया। शिवराज सिंह ने कहा कि 2 मई, दीदी गई और भाजपा आई! अब कोई ताकत भारतीय जनता पार्टी को आने से नहीं रोक सकती है। प्रतिदिन एक पौधा लगाने के अपने संकल्प के क्रम में आज कोलकाता के जगतवल्लभपुर में बांस का पौधा लगाया। बांस पर्यावरण की रक्षा के अलावा कई बीमारियों के उपचार के लिए भी बहुत उपयोगी माना जाता है। आपसे भी आग्रह है कि पौधरोपण का संकल्प लीजिए और धरा को समृद्ध बनाइये।
रामकृष्ण परमहंस, रबींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाषचंद्र बोस और स्वामी विवेकानंद की इस पवित्र धरती को ममता दीदी आपने खून से रंगने और बांटने का काम किया है। बंगाल की जनता आपको कभी माफ नहीं करेगी! @BJP4Bengal
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— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 28, 2021
बता दें कि मध्य प्रदेश भाजपा के कई दिग्गज लगातार पश्चिम बंगाल में पार्टी के पक्ष में काम कर रहे हैं। उसी कडी में शिवराज सिंह भी आए हैं। यूं तो देश के विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ भाजपा नेताओं को पश्चिम बंगाल में पार्टी के चुनाव अभियान में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है परन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि संभवतः पार्टी ने इस संबंध में मध्यप्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की क्षमताओं पर अधिक भरोसा किया है। सबसे पहले मध्यप्रदेश सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे कैलाश विजयवर्गीय को पश्चिम बंगाल में पार्टी का जनाधार बढ़ाकर राज्य में उसका मजबूत संगठन खडा करने की जिम्मेदारी गई थी। विजयवर्गीय अपनी रणनीतिक चतुराई और संगठन क्षमता के जरिए यह साबित कर दिया कि पश्चिम बंगाल में हवा का रुख बदलने की सामर्थ्य उनके अंदर कूट कर भरी है। गत लोकसभा चुनावों में राज्य में भाजपा को मिली ऐतिहासिक सफलता ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की नजरों में कैलाश विजयवर्गीय का कद इतना ऊंचा कर दिया है कि वे पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार की भूमिका में आ चुके हैं। विजयवर्गीय के दो निकट सहयोगी अरविंद मेनन और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल भी मध्यप्रदेश से ही संबंध रखते हैं।