कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने की, चुनाव आयोग को भंग करने की मांग

वर्तमान निर्वाचन आयोग को भंग किया जाए और इसके सदस्यों के कदमों की जांच होनी चाहिए क्योंकि इसने मतदाताओं के विश्वास के साथ कथित तौर पर धोखा किया है।

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल (West Bengal) से पूरी तरह सफाया होने के बाद कांग्रेस नेताओं ने अब केंद्रीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) की मांग की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने चुनाव आयोग को भंग करके उसके सदस्यों की जांच कराने की मांग की है। उन्होंने यह मांग भी की है कि उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) की एक संविधान पीठ को मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों के लिए पात्रता के बारे में फैसला करना चाहिए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब एक दिन पहले ही चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के विधानसभा चुनावों के नतीजे आए हैं। वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने सोमवार को कहा कि वर्तमान निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) को भंग किया जाए और इसके सदस्यों के कदमों की जांच होनी चाहिए क्योंकि इसने मतदाताओं के विश्वास के साथ कथित तौर पर धोखा किया है।

उन्होंने कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए संख्या तथा पात्रता पर निर्णय करने तथा आयोग के निष्पक्ष एवं स्वतंत्र ढंग से काम करने के लिए दिशानिर्देश तय करने को लेकर सर्वोच्च अदालत की संविधान पीठ को फैसला करना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ने अनुच्छेद 324 के तहत मिले अधिकार का हनन किया है।

शर्मा ने एक बयान में कहा, ‘‘वर्तमान निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) को भंग किया जाना चाहिए और इसके सदस्यों के कदमों की जांच होनी चाहिए। निर्वाचन आयोग ने खुद को कलंकित किया है और मतदाताओं के विश्वास के साथ धोखा किया है।’’उन्होंने दावा किया, ‘‘पश्चिम बंगाल में उसके कदमों में सरेआम पक्षपात दिखना स्तब्धकारी और निंदनीय है। कई बार वह भाजपा (BJP) के सहयोगी की तरह नजर आया।’’ शर्मा ने कहा कि बिना किसी पाबंदी के बड़ी जनसभाओं करने की अनुमति देकर आयोग कोविड संबंधी प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का दोषी है तथा इसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।