नई दिल्ली। एक ओर कोरोना (COVID19) संक्रमण और दूसरी ओर वैक्सीनेशन पर बयानबाजी, बीते कुछ दिनों से देश में यही हो रहा है। जहां भाजपा सत्ता में है, वहां कांग्रेस और अन्य दलों के लोग सरकार की आलोचना कर रहे हैं, तो जहां कांग्रेस सत्ता में हैं वहां भाजपा नेता राज्य सरकार के कामों की निंदा कर रहे हैं। दोनों ही स्थिति में जनता को केवल बयानों से वास्ता हो रहा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड (Rajyawardhan singh Rathod) ने राजस्थान सरकार के कामों को लेकर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कोविड की अव्यवस्था और हज़ारों लोग जिनकी मौत हुई है उसकी ज़िम्मेदारी किसी के कंधे आनी चाहिए। कोविड में राजस्थान सरकार की अव्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री को जिम्मेदार ठहराएं और उनका इस्तीफा लें।
वहीं, राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा (Raghu Sharma) ने कहा कि 18-44 वर्ष के लोगों के वैक्सीनेशन में वेस्टेज शून्य है और 45 साल से अधिक उम्र के लोगों में वेस्टेज 2% है। भारत सरकार ने वैक्सीन के 10% वेस्टेज की अनुमति दी है और वेस्टेज का राष्ट्रीय औसत 6% है।
असल में, हर राजनेता जनता के बीच यह संदेश देना चाहते हैं कि वो ही सच्चे हितैषी हैं। इसके लिए वो बयान दे रहे हैं। कई लोगों का यह कहना है कि जब देश में आक्सीजन की किल्लत से लोग मर रहे थे, ये नेता कहीं नहीं दिखे। भारत में #COVID19 के 1,27,510 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 2,81,75,044 हुई। 2,795 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 3,31,895 हो गई है। 2,55,287 नए डिस्चार्ज के बाद कुल डिस्चार्ज की संख्या 2,59,47,629 हुई। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 18,95,520 है।
झारखंड स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने कहा कि केंद्र ने जब बज़ट पेश किया था तब 35000 करोड़ रुपये वैक्सीन के लिए आवंटित किया था। मैं PM से कहना चाहता हूं कि देश के हर नागरिक को वैक्सीन का अधिकार है। जब प्रधानमंत्री 6.5 करोड़ वैक्सीन विदेश भेज सकते हैं तो देश के लोगों ने क्या गुनाह किया है। झारखंड एक पिछड़ा, कमजोर राज्य है। इसपर प्रधानमंत्री की विशेष कृपया होनी चाहिए, कृपया की बजाय हमें उनके कोपभाजन का शिकार बनना पड़ रहा है।