लोहड़ी के त्योहार से पहले पतंग कारोबार को नुकसान

नई दिल्ली। यदि यह कहा जाए कि कोरोना ने हमारी खुशियां छीन ली है, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। बीते साल कई त्योहार इसकी भेंट चढ गए। नए साल के जश्न को भी इसने अपनी चपेट में ले लिया। अब पतंग के कारोबारी परेशान हैं कि इस साल उनका कारोबार नहीं हो रहा हैं। लोहड़ी में चंद दिन शेष हैं और पतंग खरीदने और इसका आर्डर नहीं मिल रहा है।

कारोबारियों का कहना है कि महज एक सप्ताह बचे हैं, लेकिन पिछले साल की तुलना में इस बार 50 प्रतिशत का काम नहीं है। असल में, कोविड महामारी के कारण पंजाब में लोहड़ी के त्योहार से पहले पंतग कारोबार को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। एक दुकानदार ने बताया कि कोविड संक्रमण और लॉकडाउन के कारण पतंग का कारोबार 50 प्रतिशत भी नहीं रहा। ऊपर से मौसम खराब होने से भी नुकसान हो रहा है।

बता दें कि हर वर्ष 13 जनवरी को लोहड़ी मनाया जाता है। लोहड़ी के त्यौहार पर ‘सुंदर मुंदरिए …हो तेरा कौन बेचारा’ प्रसिद्ध गीत गाया जाता है। इस गीतो गाकर बच्चे घर-घर जाकर लोहड़ी मागतें हैं। यूं तो अब पूरे देश में इस त्योहार को मनाया जाता है, लेकिन मुख्य रूप से यह पंजाब और हरियाणा का ही पर्व है।

इस दिन यहां खूब पतंगबाजी होती है। कई जगहों पर तो पतंगबाजी प्रतियोगिताएं भी रखी जाती हैं। लोहड़ी और इसके अगले दिन यानि मकर संक्रान्ति को लोग खूब पतंग उड़ाते हैं। कई जगहों पर तो पतंगबाजी प्रतियोगिताएं भी रखी जाती हैं। इसके पीछे मान्यता है कि पतंग खुशी, उल्लास, आजादी का शुभ संदेश देते हैं।