नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके में अभी भी प्रदूषण का कहर जारी है। सरकार की ओर से कई प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं। बावजूद इसके नियमों का पालन भी नहीं हो रहा है। दिल्ली सरकार के मंत्री लगातार अपील कर रहे हैं। शुक्रवार को सूचना दी गई कि एनबीसीसी पर नियमों की अवहेलना करने के कारण पांच लाख रुपये का जुर्माना तक कर दिया गया।
राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी हुई है। एक व्यक्ति ने बताया, “प्रदूषण बहुत ज़्यादा है। सुबह मैं ‘मॉर्निंग वाक’ के लिए आता हूं तो परेशानी होती है। दिल्ली सरकार को इसपर कुछ सोचना चाहिए।” एक अधिकारी ने कहा, “इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और सफदरजंग हवाई अड्डे पर कोहरे के कारण दृश्यता 300-500 मीटर रही। आर्द्रता अधिक होने की वजह से शुक्रवार को कोहरा और घना हो गया।” आईएमडी के अनुसार, शून्य से 50 मीटर के बीच दृश्यता होने पर कोहरा ‘बेहद घना’, 51 से 200 मीटर के बीच ‘घना’, 201 से 500 के मीटर के बीच ‘मध्यम’ और 501 से 1000 के बीच दृश्यता होने पर कोहरे को ‘हल्का’ माना जाता है।
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि चारों तरफ पराली जलने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को मिलाकर अब तक 45,000 जगहों पर पराली में आग लगाई गई है। इससे दिल्ली के प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
एंटी डस्ट अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत। आज कड़कड़डूमा में एनबीसीसी की साइट का निरीक्षण। नियमों का उल्लघंन मिलने पर लगाया पांच लाख का जुर्माना। pic.twitter.com/y3xY9PQHsK
— Gopal Rai (@AapKaGopalRai) November 12, 2021
बता दें कि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को बताया कि पूर्वी दिल्ली के कड़कड़डूमा में एक परियोजना में धूल नियंत्रण नियमों का उल्लंघन करने के मामले में राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम लिमिटेड (एनबीसीसी) पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
गोपाल राय ने शुक्रवार से धूल रोधी अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की जो 12 दिसंबर तक चलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने कड़कड़डूमा में एनबीसीसी की एक परियोजना का निरीक्षण किया और पाया कि कुछ स्थानों पर धूल नियंत्रण उपाय नहीं अपनाए गए हैं। अत: कंपनी पर पांच लाख रूपये का जुर्माना लगाया गया है।’’ पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सभी सरकारी विभागों को धूल रोधी प्रकोष्ठ बनाने और ‘धूल रोधी संयुक्त कार्ययोजना’ को अमल में लाने के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के साथ समन्वय में काम करने को कहा गया है।