शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने क्यों किया ऐतिहासिक सत्य सामने लाने की बात, अब क्या होगा ?

नई दिल्ली। समय-समय पर देश के इतिहास के लेखन को लेकर सवाल उठता रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी बयान दिया है और कहा कि सरकार इतिहास को दोबारा नहीं लिखेगी, लेकिन इसमें गुमनाम नायकों और भुला दिये गये नेताओं को शामिल करेगी। गुमनाम नायक और नेता देश के इतिहास में जल्द ही स्थान पायेंगे। स्वतंत्रता के यज्ञ में असंख्य लोगों ने आहुति दी। लेकिन कुछ लोगों ने इस सोच को बढ़ावा दिया की देश को स्वतंत्रता केवल सीमित लोगों के बलिदान से मिली। जब समाज का हर घटक संयुक्त प्रयास करेगा तभी हम गुमनाम नायकों की गाथाओं की एक लम्बी लकीर खींच पाएँगे,अपनी विराट विरासत को समझ पाएँगे।

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एसएन अग्रवाल द्वारा दो भाग में लिखित ‘द रिवॉल्यूशनरीज: शेड देयर ब्लड फॉर इंडियाज इंडिपेंडेंस’ नामक पुस्तक के अनावरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों का एक वर्ग सोचता है कि सरकार देश का इतिहास बदलना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘‘हम बदलाव नहीं चाहते। मैं यहां इस मंच पर पूरी जिम्मेदारी के साथ यह बात कह रहा हूं। हम इतिहास को दोबारा नहीं लिखेंगे। हम इतिहास नहीं बदलेंगे। हम सभी ऐतिहासिक सत्यों को सबके सामने लाएंगे। हम एक बड़ी रेखा खींचेंगे।’’

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि किसी को कमतर करने की जरूरत नहीं है। उन गुमनाम नायकों और भूले-बिसरे नेताओं को देश के इतिहास का हिस्सा बनाया जाए। महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, बीरबल, टोडरमल और चाणक्य के बारे में पढ़ने की जरूरत है।