नई दिल्ली। आज भारत अपने जाने-माने इंजीनियर एम विश्वेश्वरय्याजी की 160वीं जयंती मना रहा है। इनकी जयंती को इंजीनियर्स डे के अवसर पर मनाया जाता है। राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन सहित देश के कई शहरों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने देश में कई बांध बनवाए हैं, जिसमें मैसूर में कृष्णराज सागर बांध, पुणे के खड़कवासला जलाशय में बांध और ग्वालियर में तिगरा बांध आदि महत्वपूर्ण हैं। हैदराबाद सिटी को बनाने का पूरा श्रेय डॉ. विश्वेश्वरैया को ही जाता है।विश्वेश्वरैया को मॉडर्न मैसूर स्टेट का पिता भी कहा जाता था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा है कि हमारे ग्रह को बेहतर और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए इंजीनियरों को धन्यवाद देने के लिए कोई शब्द पर्याप्त नहीं है।
Greetings on #EngineersDay to all hardworking engineers. No words are enough to thank them for their pivotal role in making our planet better and technologically advanced. I pay homage to the remarkable Shri M. Visvesvaraya on his birth anniversary and recall his accomplishments.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 15, 2021
हैदराबाद में 1908 में एक विनाशकारी बाढ़ के बाद, तत्कालीन निज़ाम ने सर एम विश्वेश्वरैया की सेवाओं से एक जल निकासी व्यवस्था तैयार करने और शहर को बाढ़ से बचाने का अनुरोध किया। इंजीनियर ने भंडारण जलाशयों के निर्माण का प्रस्ताव रखा और हैदराबाद से बहने वाली मुसी नदी के प्रदूषण को रोकने के लिए शहर के बाहर एक सीवेज फार्म भी बनाया।
बता दें कि देशभर में बने कई नदियों के बांध और पुल को कामयाब बनाने के पीछे विश्वेश्वरय्याजी का बहुत बड़ा हाथ है। भारत सरकार द्वारा साल 1968 में डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जन्मतिथि को ‘अभियंता दिवस’ घोषित किया गया था। उसके बाद से हर साल 15 सितंबर को अभियंता दिवस मनाया जाता है। दरअसल, 15 सितंबर 1860 को विश्वेश्वरैया का जन्म मैसूर (कर्नाटक) के कोलार जिले में हुआ था।
सर एम विश्वेश्वरैया ने 1955 में भारत रत्न प्राप्त किया और उन्हें ब्रिटिश नाइटहुड से भी सम्मानित किया गया। उन्होंने 1912 से 1918 तक मैसूर के दीवान के रूप में कार्य किया। इंजीनियर दिवस पर, राष्ट्र सर एम विश्वेश्वरैया को श्रद्धांजलि देता है।