पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक सरेआम समारोह में एक युवक ने थप्पड़ मारने की कोशिश की। मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत उस युवक को पकड़ लिया और जांच में पाया गया कि वह विक्षिप्त है। हालांकि, इस घटना को लेकर हर कोई निंदा कर रहा है। साथ ही कहा जा जा रहा है कि मुख्यमंत्री की कार्यशैली से अब युवा वर्ग नाराज हो गया है।
नीतीश एक सार्वजनिक कार्यक्रम के सिलसिले में बख्तियारपुर गए थे। वह पड़ोसी नालंदा जिले से ताल्लुक रखते हैं और उनका प्रारंभिक जीवन बख्तियारपुर में बिता है, जहां उनके पिता एक स्वतंत्रता सेनानी और सफल आयुर्वेद चिकित्सक थे। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बयान के अनुसार, घटना के समय नीतीश महान स्वतंत्रता सेनानी और राज्यसभा के पूर्व सदस्य पंडित शीलभद्र याजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर रहे थे। याजी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस का करीबी माना जाता था। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि नीतीश जब आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए आगे की ओर झुकते हैं, तभी हमलावर तेजी से सीढ़ियां चढ़कर वहां पहुंचता है और उन पर पीछे से वार कर देता है। हमले के तुरंत बाद सुरक्षाकर्मी उसे काबू में कर लेते हैं।
वीडियो में मुख्यमंत्री को सुरक्षाकर्मियों को संयम बरतने और यह पता लगाने का निर्देश देते हुए देखा जा सकता है कि हमलावर के साथ क्या दिक्कत है। प्रशासन की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “जांच के दौरान यह पता चला है कि शंकर वर्मा मानसिक रूप से बीमार है। उसने दो मंजिला इमारत की छत से कूदकर और अपने कमरे से फंदा लगाने की कोशिश कर दो बार आत्महत्या का प्रयास किया था।”
बयान के मुकाबिक, शंकर वर्मा की दिमागी सेहत का असर उसके वैवाहिक जीवन पर भी पड़ा और उसकी पत्नी अपने बच्चों के साथ अलग रहती है। प्रशासन ने बताया कि बहरहाल, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए और हमलावर को सभी जरूरी चिकित्सा सहायता मुहैया कराई जाए।
इस बीच, राजनीतिक समुदाय खासतौर से सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सदस्यों ने मुख्यमंत्री पर हमले को लेकर आक्रोश जताया। उनके मंत्रिमंडल और जनता दल (यूनाइटेड) के सदस्यों के साथ ही गठबंधन के सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी के नेताओं व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी घटना की निंदा की है।