वाराणसी में गंगा में डॉल्फिन देखने से हुई खुशी: योगी आदित्यनाथ

केन्द्र की “नमामि गंगे परियोजना” गंगा नदी को साफ करने में सफल हो गई है, ये बात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही। उन्होंने बताया कि एक दिन पहले उन्होंने इसमें डॉल्फिन को तैरते हुए देखा।

योगी ने 28 नवंबर को टाइम्स वॉटर समिट को संबोधित करते हुए इस बात सभी को सामने रखा। मंटेना कंस्ट्रक्शंस की भागीदारी से द टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित, इस शिखर सम्मेलन का मकसद एक मजबूत जल नीति पर विचार करना है।

मुख्यमंत्री ने “नमामि गंगे परियोजना” की तारीफ करते हुए कहा कि इस योजना की वजह से इसके पानी को साफ करने में सफलता मिली है।

उन्होंने कहा कि पहले वाराणसी में, जब लोग गंगा जी में नहाने के लिए डुबकी लगाते थे, तो उनके पूरे शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाते थे और जलीय जंतु लगभग खत्म हो चुके थे।

उन्होंने कहा कि, अब गंगा जी के पानी की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है।

“कल, मुझे उस वक्त काफी खुशी महसूस हुई, जब मैंने गंगा जी में फिर से तैरती हुई एक डॉल्फिन को देखा” उन्होंने कहा कि यह “नमामि गंगे परियोजना” की सफलता का एक संकेत है।

हम आपको बता दें कि रिवर डॉल्फ़िन स्तनधारी हैं, और वे स्वभाव से बहुत शर्मीली होती हैं। 70 और 80 के दशक में जब गंगा नदी में पानी की गुणवत्ता बेहतर थी, तो हरिद्वार से बंगाल की खाड़ी तक नदी में बहुत सारी डॉल्फिन्स रहती थीं।

लेकिन, समय के साथ, नदी के पानी में प्रदूषण की वजह से, वे विलुप्त होने लगी।

लॉकडाउन की वजह से बहुत सारी औद्योगिक गतिविधियां रूक गई, और इसने नदी को साफ करने के सरकार के प्रयास को पूरा किया। गंगा के विभिन्न स्थानों पर डॉल्फ़िनों के बारे में बहुत सारी खबरें सामने आईं।

रिपोर्टों के अनुसार, अब इनकी संख्या में काफी इज़ाफा हुआ है और अब नदी में लगभग 2000 डॉल्फ़िन पाई जाती हैं। जो कि अपने आप में एक उपलब्धि है।