कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति गंभीर, आम जनजीवन अस्त-व्यस्त

भारी बारिश ने नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया। कई स्थानों पर नदियां खतरे के निशान से उपर बह रही है। कई गांव जलमग्न हो चुके हैं। सरकारी राहत नाकाफी है। लोगों को स्थायी समाधान की जरूरत है, लेकिन हर बार केवल वादे ही किए जाते हैं।

नई दिल्ली। पूर्व और पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सरकार के मंत्री और अधिकारी भले ही हवाई सर्वेक्षण के बाद राहत एवं बचाव कार्य की बात करें, लेकिन आम लोग हैरान-परेशान हैं। उत्तर प्रदेश के कई जिले, बिहार के आधे से अधिक जिले, पश्चिम बंगाल और असम जैसे राज्यों में बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है।
गोरखपुर में राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने से आसपास के गांव के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। गांव के एक व्यक्ति ने बताया, “हमें सरकार की तरफ़ से कोई मदद नहीं मिल रही है। कोई व्यवस्था नहीं है। अभी 300-400 घर है जो पानी में डूबे हुए हैं।”

असम में बाढ़ की स्थिति बदतर हो गई और इससे 11 जिलों के 1.33 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन एजेंसी (एएसडीएमए) की ओर से जारी दैनिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से विश्वनाथ, बोंगाईगांव, चिरांग, धेमाजी, डिब्रूगढ़, जोरहाट, लखीमपुर, माजुली, शिवसागर, सोनितपुर और तिनसुकिया जिले प्रभावित हुए हैं। बुलेटिन में कहा कि अभी तक किसी मनुष्य या पशु की क्षति नहीं हुई है। अब तक लगभग 162 लोगों और 60 पशुओं को नावों के जरिये निकाला गया है। बोंगाईगांव और चिरांग के जिला प्रशासकों द्वारा स्थापित किये गए 66 राहत शिविरों में कुल 6,127 लोगों को आश्रय दिया गया है। इसके अलावा धेमाजी में पांच और तिनसुकिया में तीन शिविर तैयार किए गए हैं। ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों में उफान के कारण अब तक 243 गांव प्रभावित हुए हैं।

उत्तराखंड के विकासनगर में तौली बूद इलाके में लगातार बारिश के बाद अचानक आई बाढ़ के कारण फंसे गांव के 20-30 लोगों को SDRF की टीम ने बचाव अभियान के जरिए बचाया। रानीपोखरी में देहरादून-ऋषिकेश हाईवे पर जाखन नदी पर बने पुल का एक हिस्सा ढह गया। SDRF के इंस्पेक्टर हरक सिंह राणा ने बताया, “भारी बारिश के बाद काफी पानी आया और पुल का एक हिस्सा टूट गया। अब तक किसी चीज़ का नुक़सान नहीं हुआ है।”देहरादून जनपद में भारी वर्षा के कारण नदी नालों का जलस्तर बढ़ा है जिससे किनारे बसी आबादी को जलभराव की समस्याएं हो रही है। ज़िलाधिकारी डाॅ. आर. राजेश कुमार द्वारा ऐसे विभिन्न स्थानों का जायज़ा लेकर स्थानीय लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।

पटना में गंगा नदी का जलस्तर बढ़कर ख़तरे के निशान को पार कर गया है। केंद्रीय जल आयोग बिहार के निदेशक संजीव कुमार सुमन ने बताया, “नेपाल में बारिश होने के कारण गंगा की सहायक नदियों का बढ़ा हुआ पानी गंगा में मिल रहा है तो इस कारण से इसका जलस्तर फ़िर से बढ़ रहा है।”