नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर गांधी परिवार की मुसीबत बढ़ चुकी है। ईडी के सम्मन के बाद राहुल गांधी और सोनिया गांधी को कोर्ट के सामने हाजिर होना है। उससे पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पैदल मार्च निकाला। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने गांधी परिवार की सियासत, सोच और उनकी कार्यप्रणाली को लेकर जुबानी हमला बोला है।
नेशनल हेराल्ड मामले में ED के सामने पेश होने से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय तक मार्च निकाला। कांग्रेस नेता रजनी पाटिल, अखिलेश प्रसाद सिंह, एल हनुमंतैया और थिरुनावुक्करसर सु. को राहुल गांधी के समर्थन में प्रदर्शन के लिए मंदिर मार्ग पीएस में हिरासत में लिया गया।
#WATCH दिल्ली: मध्य दिल्ली इलाके में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। pic.twitter.com/MOWj9yeses
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 13, 2022
नेशनल हेराल्ड मामले पर रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कायर मोदी सरकार हमें गिरफ्तार करे और हमें आजीवन कारावास दे पर अंग्रेज भी हारा था और मोदी भी हारेगा। गोडसे के वंसज एक बार फिर गांधी को डराने चले हैं, ना महात्मा गांधी डरे थे और ना उनके उत्तराधिकारी डरेंगे। अगर इस देश में अखबार के पत्रकारों की तनख्वाह देना, हाउस टैक्स देना, बिजली का बिल देना अपराध है तो हम ये अपराध बार-बार करेंगे।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि 75% मात्र उनकी हिस्सेदारी थी बाकी उनकी माता जी के पास, मोती लाल बोरा और ऑस्कर फर्नांडीज़ जैसे नेताओं के पास थी। 2008 में इस कंपनी ने अपने ऊपर 90 करोड़ का कर्ज चढ़ा लिया था और फैसला किया कि अब ये कंपनी प्रोपर्टी के बिजनेस में उतरेगी। 2010 में 5 लाख रूपए से यंग इंडिया नाम की कंपनी बनी और राहुल गांधी इसमें निदेशक के रूप में इसमें सम्मिलित हुए।
कंपनी बनाई जाती है समाज की सेवा के लिए, लेकिन समाज की सेवा नहीं बल्कि वो कंपनी केवल गांधी परिवार की सेवा तक सीमित हो जाती है।
– श्रीमती @smritiirani pic.twitter.com/hCrgQ1rsA3
— BJP (@BJP4India) June 13, 2022
उन्होंने यह भी कहा कि एक कंपनी जो 1930 में गठित होती है उसका नाम एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड। जिस पर अब गांधी परिवार का कब्ज़ा है। इस अखबार के प्रकाशन के लिए एक ही परिवार को शेयर होल्डिंग दी गई और ये एक ही परिवार को इसलिए दी गई ताकि वे प्रकाशन न करें बल्कि रियल स्टेट का बिजनेस करें।